नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार (Central Government) ने अखिल भारतीय कोटा के तहत मेडिकल कॉलेजों के नामांकन में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए आरक्षण को मंजूर कर लिया है. इसको लेकर अब जमात-ए-इस्लामी हिंद ने शनिवार को केंद्र सरकार को रंगनाथ आयोग की रिपोर्ट के बारे में याद दिलाया और कहा कि यदि वे वास्तव में पिछड़े वर्गों का उत्थान करना चाहते हैं तो मुसलमानों के लिए 10% उप-कोटा तय किया जाना चाहिए.
ईटीवी भारत से बात करते हुए, जेआईएच के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि चूंकि ओबीसी में इतनी जातियां शामिल हैं. इसलिए 27% आरक्षण से केवल उन लोगों को फायदा होगा, जो शैक्षिक रूप से मजबूत हैं. कहा कि मुसलमानों को बहुत कम लाभ होगा और सरकार को जनसंख्या प्रतिशत के हिसाब से सब-कोटा की व्यवस्था करनी चाहिए.
कहा कि हम सरकार को रंगनाथ आयोग की रिपोर्ट के बारे में भी याद दिलाना चाहेंगे जिसमें मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण की सिफारिश की गई थी. यदि सरकार वास्तव में शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों का समर्थन करने के लिए गंभीर है तो उन्हें न्यायमूर्ति रंगनाथन मिश्रा आयोग की सिफारिशों को लागू करना चाहिए.