चेन्नई : तमिलनाडु में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के एक और परीक्षार्थी के खुदकुशी करने और बेटे की मौत के गम में पिता के आत्महत्या करने का मामले सामने आया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने परीक्षार्थियों से आत्मविश्वास न खोने की अपील की है. सीएम स्टालिन ने अपील की कि वे आत्महत्या की प्रवृत्ति से बचें और जीवन की कठिनाइयों का आत्मविश्वास के साथ सामना करें.
स्टालिन ने यहां जारी एक बयान में कहा, "मैं छात्र जगतीश्वरन और उसके पिता सेल्वाशेखर की मौत की घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं." उन्होंने कामना की कि नीट के कारण अब और किसी की मौत नहीं हो. उन्होंने नीट संबंधी छूट से जुड़े तमिलनाडु विधानसभा के प्रस्ताव पर राज्यपाल आर एन रवि की कथित टिप्पणी का जिक्र करते दावा किया कि कुछ महीनों में 'राजनीतिक बदलाव' होने पर 'नीट द्वारा खड़ी की गई बाधाएं ढह जाएंगी.' उन्होंने कहा, "जो लोग कहते हैं कि मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगा, फिर वे गायब हो जाएंगे." तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने कहा था कि वह तमिलनाडु सरकार के नीट विरोधी विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे. इस विधेयक को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है.
गौरतलब है कि दूसरी बार नीट परीक्षा उत्तीर्ण कर पाने से परेशान 19 वर्षीय एस. जगतीश्वरन ने खुदकुशी कर ली थी. बेटे के आत्महत्या के गम में उसके पिता सेल्वाशेखर अवसाद से जूझ रहे थे, जिसके बाद उन्होंने भी अपनी जान ले ली. सोमवार सुबह उनकी लाश क्रोमपेट स्थित उनके आवास पर मिली. इस घटना से पूरे परिवार में शोक का माहौल है.
मुख्यमंत्री ने जगतीश्वरन की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह उसके परिवार को सांत्वना कैसे दें. स्टालिन ने कहा, "जगतीश्वरन के पिता सेल्वाशेखर ने भी अगले दिन आत्महत्या कर ली. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं उसके परिवार एवं मित्रों को कैसे सांत्वना दूं." उन्होंने कहा कि पढ़ाई में होशियार जगतीश्वरन के माता-पिता अपने बेटे को एक चिकित्सक बनते देखना चाहते थे, लेकिन वह नीट परीक्षा की वेदी पर चढ़ने वाले पीड़ितों की सूची में शामिल हो गया, जो कि एक बहुत भयानक घटना है.
स्टालिन ने एक बयान में कहा, "मैं अपील करता हूं कि कोई भी छात्र किसी भी परिस्थिति में अपनी जान लेने का कभी फैसला नहीं करे. आपके विकास में बाधा नीट को रद्द किया जाएगा. राज्य सरकार इस दिशा में कानूनी पहल पर सक्रिय रूप से काम कर रही है." उन्होंने तमिलनाडु को नीट से छूट देने की मांग करने वाले विधानसभा के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यपाल ने पहले प्रस्ताव को लौटा दिया और दूसरा प्रस्ताव मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया.
मुख्यमंत्री ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि राज्यपाल रवि विधेयक को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहते हैं. नीट परीक्षा महंगी हो गई है और इसका खर्च केवल अमीर लोग ही उठा सकते हैं." उन्होंने दावा किया कि जो लोग बड़ी रकम खर्च करके पढ़ाई नहीं कर सकते, वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें केवल नीट उत्तीर्ण करने वाले छात्र मेडिकल कॉलेज में तभी दाखिला ले सकते हैं यदि उनके पास पैसा है और मेडिकल शिक्षा केवल अमीरों के लिए है. स्टालिन ने कहा, "इसके बावजूद राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों के गरीब छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज में 7.5 प्रतिशत आरक्षण लेकर आई, लेकिन राज्यपाल समझ नहीं रहे. ऐसा संदेह है कि वह कोचिंग संस्थाओं की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं."
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मुख्यमंत्री ने रवि पर छात्रों को आमंत्रित करके राजभवन में कक्षाएं आयोजित करने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्यपाल ने शनिवार को एक संवाद के दौरान एक छात्र के पिता द्वारा सवाल किए जाने पर यह कह कर अपनी अज्ञानता का परिचय दिया कि वह नीट छूट विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. स्टालिन ने कहा, "इस विधेयक को उनके हस्ताक्षर का इंतजार नहीं है. यह राष्ट्रपति के पास है. जहां तक इसका सवाल है, तो राज्यपाल के पास इस मामले में कोई अधिकार नहीं है, जबकि वह ऐसा दिखा रहे हैं कि उनके पास अधिकार हैं. जगतीश्वरन की तरह चाहे कितने भी लोगों की जान चली जाए, राज्यपाल आर एन रवि का दिल नहीं पिघलेगा. ऐसे पत्थर दिल लोगों के दौर में मानव जीवन का कोई मूल्य नहीं है." उन्होंने कहा, "नीट के कारण होने वाली यह आखिरी मौत हो. एक उज्ज्वल भविष्य आप छात्रों का इंतजार कर रहा है. आत्मविश्वासी बनिए. जीवन जिएं तथा और को भी जीने दें. मैं आपसे एक बार फिर अनुरोध करता हूं कि आत्महत्या करने के बारे में सोचने की प्रवृत्ति से दूर रहें."
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)