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Tufail cracks NEET 2022 : जम्मू-कश्मीर से पहले आदिवासी युवक ने पास की नीट परीक्षा

आतंकी घटनाओं और मुठभेड़ को लेकर जम्मू-कश्मीर अक्सर नकारात्मक कारणों से खबरों में दिखता है, लेकिन एक युवा ने प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है. श्रीनगर के एक आदिवासी लड़के ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) 2022 परीक्षा पास की (srinagar tribal youth National Eligibility Entrance Test) है. यह इसलिए अहम है क्योंकि ऐसा करने वाला वह प्रदेश का पहला युवक है. जानिए कामयाबी की प्रेरक कहानी

NEET 2022 Tufail Ahmad first tribal
आदिवासी समुदाय के तुफैल अहमद

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Published : Feb 21, 2022, 3:27 PM IST

श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मुलनार हरवन (Mulnar Harwan Srinagar Jammu Kashmir) नाम की एक जगह है. इस दुर्गम इलाके के एक आदिवासी लड़के ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) 2022 की परीक्षा पास (NEET 2022 Tufail Ahmad first tribal) की है. कामयाबी का परचम लहराने वाले इस युवक ने परिवार और समुदाय को गौरवान्वित किया है. खास बात है कि श्रीनगर से तुफैल पहले ट्राइबल युवक हैं जिसने नीट परीक्षा पास की है.

आदिवासी समुदाय के तुफैल अहमद (Tufail Ahmad) अपनी कामयाबी से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर सकते हैं. तुफैल ने कक्षा आठ तक की शिक्षा मिशन स्कूल न्यू थीड हरवन श्रीनगर (Mission School New Theed Harwan Srinagar) से पूरी की. इसके बाद वे कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के लिए सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, शालीमार (Government Higher Secondary School Shalimar) पहुंचे.

कई किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे स्कूल
तुफैल अहमद नीट की परीक्षा पास करने के बारे में बताते हैं कि उन्होंने जीवन में संघर्षों और कठिनाइयों का सामना किया. वह कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे. इंटरनेट एक्सेस करने और स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था.

नई किताबें खरीदने के पैसे नहीं
उन्होंने बताया, मैं इंटरनेट का उपयोग करने के लिए श्रीनगर तक पैदल जाता था. तुफैल अहमद ने बताया, वे पढ़ाई से संबंधित वीडियो डाउनलोड करते थे. मेरे परिवार में आर्थिक तंगी भी थी. उन्होंने बताया कि जब वे तीसरी-चौथी कक्षा में थे, तो नई किताबें नहीं खरीदी.

नीट के लिए ऐसे मिली प्रेरणा
तमाम चुनौतियों के बीच नीट जैसी परीक्षा की प्रेरणा कहां से मिली ? इस सवाल पर तुफैल अहमद ने कहा कि उन्होंने जिन कठिनाइयों का सामना किया, इसके कारण ही वे अपने साथ-साथ आदिवासी समुदाय के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित हुए.

मां अशिक्षित फिर भी पढ़ाई के लिए प्रेरित किया
अहमद ने कहा, जहां तक ​​आदिवासी लोगों की बात है, हमें कई बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ता है. श्रीनगर के मुलनार हरवन क्षेत्र का जिक्र करते हुए तुफैल बताते हैं कि यहां लोगों को बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करना पड़ता है. यहां के लोगों के लिए कुछ करना हमेशा मेरे दिमाग में रहता है. उन्होंने कहा, मेरे भाई और मां ने मुझे मेरी यात्रा में हर तरह से प्रोत्साहित किया. परिवार ने पूरा समर्थन दिया. तुफैल अहमद बताते हैं कि उनकी मां खुद अशिक्षित हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए हमेशा प्रेरित किया.

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परिवार और समुदाय को किया गौरवान्वित
नीट जैसी राष्ट्रीय परीक्षा में कामयाबी हासिल करने वाले श्रीनगर के पहले आदिवासी युवा बनने की उपलब्धि पर तुफैल अहमद के भाई ने कहा, यह परिवार और पूरे समुदाय के लिए गर्व का क्षण है. उन्होंने कहा, बुनियादी सुविधाओं से वंचित होने के बावजूद तुफैल को नीट में कामयाबी मिली. उन्होंने कहा, हम बहुत खुश हैं. हमने कभी नहीं सोचा था कि यह होगा, लेकिन तुफैल ने इसे खुद की कड़ी मेहनत और परिवार के समर्थन से कर दिखाया.

बता दें कि तुफैल अहमद से पहले जम्मू-कश्मीर निवासी शाह फैसल ने देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली परीक्षा- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में कामयाबी हासिल की थी.

(एएनआई)

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