टाेक्यो: एथलीट नीरज चोपड़ा ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने अंतिम थ्रो से पहले कुछ नहीं सोच रहे थे क्योंकि उन्हें महसूस हो गया था कि वह यहां खेलों में अभूतपूर्व शीर्ष स्थान हासिल कर चुके थे.
वह सभी 12 प्रतिस्पर्धियों में पहले तीन प्रयासों में सर्वश्रेष्ठ थे जिससे वह अगले तीन प्रयासों में थ्रो करने के लिये सबसे आखिर में आये. जैसे ही रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जाकुब वाडलेच ने अपना अंतिम थ्रो पूरा किया, चोपड़ा जान गये थे कि उन्होंने स्वर्ण पदक जीत लिया है.
उन्होंने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैं थ्रो करने वाला अंतिम खिलाड़ी था और हर कोई थ्रो कर चुका था, मैं जान गया था कि मैं स्वर्ण जीत गया हूं, तो मेरे दिमाग में कुछ बदल गया, मैं इसे बयां नहीं कर सकता. मैं नहीं जानता कि क्या करूं और यह इस तरह का था कि जैसे मैंने क्या कर दिया है.
चोपड़ा ने कहा कि मैं भाले के साथ रन-अप पर था लेकिन मैं सोच नहीं पा रहा था. मैंने संयम बनाया और अपने अंतिम थ्रो पर ध्यान लगाने का प्रयास किया जो शानदार नहीं था लेकिन फिर भी ठीक (84.24 मीटर का) था.