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सिंगापुर और थाईलैंड के सााथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा की जरूरत : जीटीआरआई

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने सरकार को सुझाव दिया कि सरकार 10 देशों के समूह आसियान के साथ अपने व्यापार समझौते की समीक्षा करते समय सिंगापुर तथा थाईलैंड के सााथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर भी गौर करे. पढ़ें खबर...( global trade research initiative, free trade agreements with Singapore and Thailand, GTR, bilateral free trade)

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ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव

By PTI

Published : Nov 26, 2023, 12:43 PM IST

Updated : Nov 26, 2023, 1:18 PM IST

नई दिल्ली :सरकार 10 देशों के समूह आसियान के साथ अपने व्यापार समझौते की समीक्षा करते समय सिंगापुर तथा थाईलैंड के सााथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर भी गौर करे. शोध संस्थान जीटीआरआई ने रविवार को यह सुझाव दिया है. सिंगापुर 10 देशों वाले आसियान गुट का सदस्य है जिसके साथ भारत का 2010 से माल को लेकर मुक्त व्यापार समझौता है. वहीं भारत ने 2005 में सिंगापुर के साथ एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भी किया था.

2025 तक इस अभ्यास को पूरा करने का लक्ष्य
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के एक अन्य सदस्य थाईलैंड के साथ भी इसी तरह के अभ्यास का सुझाव दिया है. भारत ने 2006 में थाईलैंड के साथ एक सीमित मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. ये सुझाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत और आसियान देश अपने व्यापार समझौते की समीक्षा करने पर सहमत हुए हैं. 2025 तक इस अभ्यास को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव

आसियान देशों में शामिल देश
आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलिपीन और वियतनाम शामिल हैं. इनमें से भारत पांच देश इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम साथ 92.7 प्रतिशत निर्यात और 97.4 प्रतिशत आयात करता है. वित्त वर्ष 2008-09 में आसियान को भारत का निर्यात 19.1 अरब अमेरिकी डॉलर था और 2022-23 में यह बढ़कर 44 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. दूसरी ओर, 10 देशों के समूह से आयात पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर 87.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2008-09 में 26.2 अरब अमेरिकी डॉलर था.

एफटीए का एक साथ अध्ययन किया जा सकता
जीटीआरआई ने कहा कि भारत का सिंगापुर के साथ एक अलग एफटीए है जिसमें उत्पादों की उत्पत्ति के नियमों में अधिक ढील दी गई है. दोनों एफटीए का एक साथ अध्ययन किया जा सकता है. भारत का थाईलैंड के साथ एक अलग एफटीए है जिसे अर्ली हार्वेस्ट स्कीम (ईएचएस) कहा जाता है, जिसमें भारत-आसियान एफटीए की तुलना में मूल नियमों में छूट दी गई है. ईएचएस के जरिए पर्याप्त आयात हो सकता है. दोनों एफटीए का एक साथ अध्ययन किया जा सकता है.

इंडोनेशिया से आयात
रिपोर्ट में कहा गया कि इंडोनेशिया के साथ 2022-23 में भारत ने कुल 28.8 अरब अमेरिकी डॉलर का सामान आयात किया. इसमें कोयले का 14.4 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया गया. इसमें भाप कोयले का 13.7 अरब अमेरिकी डॉलर का और कोकिंग कोयले का 0.7 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात था. इसके अतिरिक्त, भारत ने इंडोनेशिया से 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर का पाम तेल और 0.9 अरब अमेरिकी डॉलर का तांबा अयस्क आयात किया.

कोयले के आयात में वृद्धि
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले एक साल में ही कोयले के आयात में 121 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अधिकतर कोयला भाप कोयला है, जो भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. भारत को स्थानीय कोयले के इस्तेमाल पर ध्यान देना चाहिए. सरसों और अन्य समान तेलों पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की पेशकश से घरेलू कीमतों में कमी आएगी और लोग धीरे-धीरे घटिया पाम तेल से दूर हो जाएंगे.

रिपोर्ट में कहा गया कि सिंगापुर के साथ इलेक्ट्रॉनिक आयात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष में कुल 7.2 अरब अमेरिकी डॉलर था. इसमें कंप्यूटर का 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर का और एकीकृत सर्किट का 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात शामिल है.

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Last Updated : Nov 26, 2023, 1:18 PM IST

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