नई दिल्ली : कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की जरूरत पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को लोक सभा में कहा कि देश में खेलों से जुड़े बुनियादी ढांचे का विकास करना चाहिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं का अधिक से अधिक आयोजन करना चाहिए. भारत में खेलकूद को बढ़ावा देने के विषय पर नियम 193 के तहत चर्चा (Need to promote sports in India and steps taken by Govt of India in this regard) की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि खेल सिर्फ पदकों के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह हमें सिखाता है कि जब हम जीते तो विनम्र रहें और हारे तो साहस रखें. यह हम नेताओं को भी सीखना चाहिए.
गोगोई ने कहा कि सरकारी पैसे पर निर्भर खेल संघ अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि सबको मिलकर यह देखना है कि हम जिन खिलाड़ियों को ऊपर उठाते हैं मुश्किल समय में उनके साथ खड़े रहना चाहिए. गोगोई ने कहा कि केंद्र को राज्य सरकारों को मदद देनी चाहिए ताकि वे खेल से जुड़े बुनियादी ढांचे में परिवर्तन ला सकें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रयास करे कि देश में अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं का अधिक से अधिक आयोजन हो.
गुजरात में सरदार पटेल स्टेडियम का नाम क्यों बदला : गोगोई के अनुसार, खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षकों को भी प्रोत्साहन देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कुछ प्रशिक्षकों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसको लेकर सरकार को संवेदनशील होना चाहिए. कांग्रेस सांसद ने कहा कि खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत करना चाहिए. गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि बहुत सारे निवेदन आए थे, इसलिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न कर दिया. उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री जी को यह भी बताना चाहिए कि क्या अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलने के लिए भी लोगों के निवेदन आए थे कि उन्होंने इसका नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया.'
हारने का बाद खिलाड़ियों का मीडिया ट्रायल न हो : वहीं, बीजू जनता दल के अनुभव मोहंती ने कहा कि 'फिट इंडिया' और 'खेलो इंडिया' जैसे कदमों के कारण खेलों और फिटेनस को लेकर जागरुकता बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. मोहंती ने कहा कि हारने वाले खिलाड़ियों को हार के बाद 'मीडिया ट्रायल' का सामना करना पड़ता है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.
खेल के प्रति बदला है भारत का दृष्टिकोण : चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद और ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि पहले कहावत थी 'पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलेगो-कूदोगे बनोगे खराब,' लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद यह बदला अब लोग कहते हैं कि 'पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे लाजवाब.' उन्होंने कहा कि खेलों को लेकर पूरे देश में माहौल बदला है. जमीनी स्तर से लेकर ऊपर तक की स्थिति बदली है.
मादक पदार्थों का सेवन चिंता का कारण : राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक खेलों में जाने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया, लेकिन इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े खिलाड़ियों के साथ कनिष्ठ खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है तथा प्रशिक्षण के लिए आधुनिक सुविधाएं दी गई हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक ऐेसा वातावरण बना है जहां नायक का सम्मान किया जाता है. उन्होंने कहा कि युवाओं के नाम पर सिर्फ राजनीति नहीं करनी है, बल्कि उनके लिए नीतियां बनानी होती हैं. राठौर ने कहा कि कई प्रदेशों में मादक पदार्थों का सेवन बढ़ता जा रहा है. इसको रोकने के लिए खेलों को बढ़ावा देना होगा.