पारादीप:ओडिशा के पारादीप में आयोजित बोइता बंदना (नाव पूजा) समारोह में शामिल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि देश में बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने और उनकी दक्षता बढ़ाने की जरूरत है. मुर्मू ने कहा कि सरकार का सागरमाला कार्यक्रम बंदरगाह गतिविधियों को मजबूत करने के लिए एक सराहनीय कदम है. भारत सरकार ‘समृद्धि के लिए बंदरगाह’ और ‘प्रगति के लिए बंदरगाह’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए काम कर रही है. बता दें, बोइता बंदना’ ओडिशा में मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है, जो राज्य की प्राचीन समुद्री गौरव गाथा की याद दिलाता है, जिसे पहले ‘कलिंग’ के नाम से जाना जाता था.
आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका
समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने आगे कहा कि समुद्री व्यापार देश के व्यापार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि भारत के कुल व्यापार का मात्रा के हिसाब से 95 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 65 प्रतिशत व्यापार समुद्री परिवहन के माध्यम से होता है. भारत के बंदरगाहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप अधिक दक्षता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है. इसीलिए भारतीय बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने और उनकी दक्षता बढ़ाने की आवश्यकता है. ऐतिहासिक बालीयात्रा जावा, सुमात्रा और बाली द्वीपों के लिए व्यापारियों की एक प्रतीकात्मक नाव यात्रा है. बालीयात्रा ओडिशा के गौरवशाली अतीत की याद में मनाया जाने वाला एक अनोखा उत्सव है.