नई दिल्ली:राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) सभी तरह की जैविक आपदा से निपटने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ टीम बनाएगा. इस संबंध में एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि दोनों संगठनों के शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में मुलाकात की और स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि देश भर में कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद यह सहयोग बहुत जरूरी है. अधिकारी ने कहा कि देश पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के बीच प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आया था तब एनडीआरएफ ने विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण बचाव कार्यों में भाग लिया था.
इसी क्रम में एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने गुरुवार को नई दिल्ली में आपदा प्रतिक्रिया-2022 के लिए क्षमता निर्माण पर वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वीकार किया कि जैविक आपदा के बीच प्राकृतिक आपदाओं से निपटना बहुत चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने कहा कि इस दौरान एनडीआरएफ के जवानों ने न केवल सभी चुनौतियों का सामना किया बल्कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच भारत में प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने पर बचाव और राहत अभियान चलाया.
करवाल ने कहा कि मई 2020 में चक्रवात अम्फान की वजह से पश्चिम बंगाल और आस-पास और ओडिशा में 24 लाख लोगों को विस्थापित किया गया था. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा अन्य एजेंसियों ने दिल्ली में गुरुवार से शुरू हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान सभी बाधाओं के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ने के लिए आपस में आदान-प्रदान करने के अलावा एक साथ आई चुनौतियों से निपटने को लेकर चर्चा की.