हैदराबाद : भारत भौगोलिक रूप से विवधता वाला देश है. एक ओर भारत में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है, वहीं दूसरी ओर प्राकृति व मानवीय गतिविधियों के कारण देश का अलग-अलग हिस्सा किसी न किसी आपदा से जूझ रहा होता है. भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, अतिवृष्टि, आग, रेल-सड़क-वायु-जल मार्ग में होने वाले बड़े हादसों सहित अन्य आपदों का दायरा कई बार काफी व्यापक हो जाता है. जिला व राज्य स्तरीय एजेंसियों के पास उपलब्ध संसाधन, कर्मी या विशेषज्ञता की कमी के कारण संबंधित आपदा से निपटना संभव नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में संबंधित राज्य/केंद्र शासित एजेंसियों के अनुरोध पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स-एनडीआरएफ) मौके पर पहुंचती है.
देश में अलग-अलग हिस्सों में होने वाली प्राकृतिक आपदों में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते थे. संबंधित राज्य सरकारों की एजेंसियों व केंद्रीय सुरक्षा बलों की विशेषज्ञता संबंधित आपदों से निपटने में कई बार कम पड़ जाता था. इसी को ध्यान में रखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 (The Disaster Management Act 2005) की धारा 44 के तहत एनडीआरएफ स्थापित किया गया. 19 जनवरी 2006 एनडीआरएफ अस्तित्व में आया. इसके बाद से हर साल हर साल इस डेट को एनडीआरएफ स्थापना दिवस मनाया जाता है.
16 बटालियन में 18000 कर्मी एनडीआरएफ में दे रहे हैं सेवाएं
स्थापना के समय में एनडीआरएफ की 8 बटालियनें थीं. आज के समय बटालियनों की संख्या 16 है. प्रत्येक बटालियन में 1149 कर्मी होते हैं. इस हिसाब से 18348 के करीब एनडीआरएफ की क्षमता है. इनमें ज्यादातर कर्मी बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, असम राइफल्स के जवान होते हैं. इन्हें एनडीआरएफ के लिए निशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. हर बटालियन में 18 विशेषज्ञ और 45 बचाव दल के कर्मी अनिवार्य रूप से होते हैं. इनमें इंजीनियर, टेक्नीकल कर्मी, डॉग स्क्वायड और मेडिकल टीम के सदस्य होते हैं. एनडीआरएफ प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने में सक्षम है. एनडीआएरएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन होते हैं. एनडीआरएफ के प्रशासनिक प्रमुख डीजी एनडीआरएफ होते हैं. ज्यादातर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी इस पद को संभालते हैं.
भारत से लेकर तुर्किये तक लाखों जिंदगियां बचा चुका है एनडीआरएफ
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल के अनुसार लगातार बहुमूल्य मानव जीवन को बचा रहा है. उनके अनुसार बहुत ही कम समय में एनडीआरएफ 1.55 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगियों को बचा चुका है. भारत व अन्य देशों में विभिन्न अभियानों के दौरान एनडीआरएफ 7.88 लाख से ज्यादा लोगों को आपदाग्रस्त इलाके से सुरक्षित बाहर निकाल चुका है. 2011 में जापान में आये ट्रिपल डिजास्टर, 2015 में नेपाल में भूकंप और 2023 में तुर्किये में भूकंप में एनडीआरएफ के अभियानों को विश्व स्तर पर सराहा गया.
आपदा के प्रकार
प्राकृतिक आपदा
- चक्रवात
- सुनामी
- लू
- शीतलहर
- वज्रपात
- भूस्खसलन
- भूकंप
- बाढ़
- शहरी बाढ़