रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम में पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठने के बाद आईटीबीपी और एनडीआरएफ को कमान सौंप दी गई है. अब यात्रा मार्गों से लेकर केदारनाथ धाम में आईटीबीपी और एनडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे. ये जवान तीर्थयात्रियों की हरसंभव मदद करेंगे. वैसे भी लंबे समय से केदारनाथ यात्रा में आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की मांग की जा रही थी. जिससे व्यवस्थित तरीके से केदारनाथ की यात्रा संचालित हो सके.
बता दें कि केदारनाथ धाम की यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से अव्यवस्था फैल गई है. इस कारण पुलिस-प्रशासन व्यवस्थाओं को संभालने में नाकाम दिखाई दे रहा है. इससे पहले साल 2019 की केदारनाथ यात्रा में भी हर दिन हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे थे. उस समय भी पुलिस-प्रशासन की नाकामी देखने को मिली थी.
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ऐसे में आईटीबीपी के जवानों को केदारनाथ यात्रा में तैनात किए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इस बार शुरूआत से ही हजारों की तादाद में तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे हैं, जबकि, यात्रा के सातवें दिन ही केदारनाथ यात्रा का आंकड़ा 1 लाख 32 हजार पार कर चुका है. अभी भी लाखों लोगों ने केदारनाथ धाम जाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है.
केदारनाथ यात्रा मार्गों पर 90 आईटीबीपी जवान तैनातःकेदारनाथ में बढ़ रही यात्रियों की संख्या और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने के बाद आखिरकार आईटीबीपी के जवानों को तैनात कर दिया गया है. अभी केदारनाथ और यात्रा मार्गों पर आईटीबीपी (ITBP) के 90 जवानों को तैनात किया गया है. जबकि, एनडीआरएफ (NDRF) के 46 जवान भी जल्द यात्रा मार्गों पर तैनात किए जाएंगे.
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रियों की केदारनाथ में सुरक्षा और यात्रा व्यवस्था के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police) की एक प्लाटून को तैनात कर दिया गया है. यह प्लाटून मंदिर परिसर और मंदिर मार्ग पर दर्शनों के लिए खड़े यात्रियों की मदद करेगी. एक प्लाटून में 30 आईटीबीपी के जवान हैं.
वहीं, सोनप्रयाग और गुप्तकाशी में भी एक-एक प्लाटून को रखा गया है. इसके अलावा पुलिस, एसडीआरएफ (SDRF), डीडीआरएफ (DDRF), यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान पहले से तैनात हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही एनडीआरएफ यानी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (National Disaster Response Force) के जवान भी यात्रा मार्गों पर तैनात कर दिए जाएंगे.
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