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राजग के सहयोगी दल केपीए ने मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लिया - Kuki Peoples Alliance

राजग की सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. बता दें कि इससे सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 37 सदस्य हैं.

Biren Singh
एन बीरेन सिंह

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Published : Aug 6, 2023, 8:18 PM IST

Updated : Aug 6, 2023, 10:18 PM IST

इंफाल : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) ने मणिपुर में एन बिरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने की रविवार को घोषणा की. राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे एक पत्र में केपीए प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से संबंध तोड़ने के पार्टी (केपीए के) फैसले की सूचना दी है. इस घटनाक्रम से सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 37 सदस्य हैं. बीते तीन महीनों में राज्य में जातीय हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

हाओकिप ने पत्र में कहा है, 'मौजूदा स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद, मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह नीत मणिपुर सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह गया है.' उन्होंने पत्र में कहा है, 'इसलिए, मणिपुर सरकार से केपीए अपना समर्थन वापस लेता है.' विधानसभा में केपीए के दो विधायक-सैकुल से के.एच. हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग हैं. एनपीपी के सात और एनपीएफ के पांच विधायक हैं. कांग्रेस के भी पांच विधायक हैं. केपीए के महासचिव वी ललाम हांगशिंग ने कहा, 'हमने ईमेल के जरिये राज्यपाल को पत्र भेजा है. हमारे दो विधायक हैं और हम सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे थे. मौजूदा स्थिति के मद्देनजर समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह गया है.'

इससे पहले कुकी समुदाय के नेताओं ने जानकारी देते हुए कहा था कि मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के मद्देनजर 21 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विभिन्न दलों के ज्यादातर कुकी विधायकों के शामिल होने की संभावना नहीं है. कुकी समुदाय के लोगों के लिए अलग प्रशासनिक इकाई की मांग सर्वसम्मति से खारिज करने के लिए जल्द विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग का नेतृत्व कर रहे शीर्ष मेइती संगठन सीओसीओएमआई ने हालांकि, यह दावा किया कि अगर जनजातीय विधायक सत्र में भाग लेना चाहते हैं तो वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

जातीय हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक चुराचांदपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एलएम खाउते ने साक्षात्कार में कहा, 'मणिपुर में कानून तथा व्यवस्था की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर मेरे लिए आगामी सत्र में भाग लेना संभव नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि हिंसा तथा अलग प्रशासन के लिए कुकी समुदाय की मांगों पर कोई समाधान न निकाले जाने से 'सभी कुकी-जोमी-हमार विधायकों के लिए सत्र में भाग लेना संभव नहीं होगा.'

वहीं कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने कहा, 'विधायकों के लिए इंफाल आना सुरक्षित नहीं होगा...थानलोन का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्ते से वहां बुरी तरह मारपीट की गयी, वह अब भी उपचार करा रहे हैं.' उन्होंने बताया, 'अगर विधायकों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार गारंटी दे और पर्याप्त कदम उठाए, तो इस चिंता से निपटा जा सकता है.'

विश्लेषकों का कहना है कि कुकी विधायकों की गैर-मौजूदगी से पिछले तीन महीने से चल रहे जातीय संघर्ष पर कोई सार्थक चर्चा होने की संभावना नहीं है. इस हिंसा में 160 से अधिक लोगों की जान चली गयी है. कुकी इंपी मणिपुर (केआईएम), कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (केएसओ), कुकी चीफ्स एसोसिएशन (केएसएएम) और कुकी वुमेन यूनियन (केडब्ल्यूयू) समेत कुकी संगठनों ने विधायकों से विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए इंफाल जाने से बचने के लिए कहा है.

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(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 6, 2023, 10:18 PM IST

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