नई दिल्ली:उपराष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने जीत दर्ज की जिसके बाद बधाइयों का दौर शुरू हो गया. हालांकि एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का जीतना लगभग तय था, लेकिन जिस मार्जिन से वे जीते वो भी ठीक-ठाक रहा. उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ को कुल 528 वोट मिले जबकि यूपीए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले. शनिवार को जैसे ही उपराष्ट्रपति पद की घोषणा हुई, यहां 11 अकबर रोड पर ग्रामीण इलाके से लोगों का पहुंचना शुरू हो गया.
भारतीय जनता पार्टी ने जगदीप धनखड़ को काफी सोच समझकर उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था. एक तो वह राजस्थान से आते हैं, जहां आने वाले दिनों में विधानसभा का चुनाव है. वहीं दूसरी तरफ पिछले एक-डेढ़ साल से किसान बिल की वजह से पार्टी को ऐसा लग रहा था कि किसान भाजपा से दूर हो चुके हैं. जगदीप धनखड़ राजस्थान के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हैं और उन को उपराष्ट्रपति बनाकर भाजपा ने किसानों और राजस्थान के जाट वोट बैंक के बीच बड़ा संदेश देने का काम किया है. गौरतलब है कि धनखड़ राजस्थान के झुंझुनूं जिले से सांसद भी रह चुके है.
जगदीप धनखड़ की जीत के बाद जश्न का माहौल जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने के ऐलान के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अशोक रोड पहुंचकर बधाई दी. इसके बाद यहां पर केंद्रीय मंत्रियों सहित किसान नेताओं का तांता लगा रहा. साथ ही उनके क्षेत्र से ग्रामीणों लोगों के आने का सिलसिला भी जारी रहा. इस मौके पर गांव से पहुंची कुछ महिलाओं ने ईटीवी से बातचीत भी की. वहीं भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पार्टी के पूर्व किसान मोर्चा अध्यक्ष विजयपाल तोमर ने कहा कि यह देश के किसानों की जीत है. नरेंद्र मोदी की सरकार ने उन्हें एक ऐसे उच्च संवैधानिक पद पर बिठाकर किसानों का सम्मान बढ़ाया है और गांव के लोग इससे काफी खुश हैं.
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उनके अतिरिक्त बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने बात करते हुए कहा कि धनखड़ हमारे देश के किसानों, वकीलों और ग्रामीणों का प्रतिनिधित्व करते हैं. मैं बहुत खुश हूं कि एक ऐसा शख्स उपराष्ट्रपति बना है जो काबिल और विद्वान भी है. धनखड़ जी ने कई पदों पर रहकर अपनी विद्वता का परिचय भी दिया है. जगदीप धनखड़ का जीतना लगभग तय था, क्योंकि संसद में मौजूद भारतीय जनता पार्टी के जितने सांसद हैं , यदि वही पूर्ण रूप से अपना मत देते हैं तो वह भी जगदीप धनखड़ के लिए पर्याप्त था. इस चुनाव में कई दूसरी पार्टियों के नेताओं ने और किसान नेताओं ने भी क्रॉस वोटिंग कर उन्हें जीत दर्ज कराई. वहीं बीमारी की वजह से भारतीय जनता पार्टी के दो सांसद जिनमें संजय धोत्रे और सनी देओल ने वोट नहीं किया.