हैदराबाद :कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस विधायक के आर रमेश कुमार की असंवेदनशील टिप्पणी के बाद से राजनीति और महिलाओं में जमकर आक्रोश देखा जा रहा है. चर्चा के दौरान कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके रमेश कुमार ने कहा कि जब रेप होना ही है और आप रेप को नहीं रोक सकते तो लेटिए और मजे लीजिए. इस दौरान शर्मनाक यह रहा कि रमेश कुमार की टिप्पणी के बाद स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े भी अमर्यादित बोल पर कार्रवाई के बजाय ठहाके लगाकर हंसने लगे. स्पीकर के ठहाके के कारण उनकी आलोचना हो रही है.
विधानसभा में राजनेताओं की इस मानसिकता पर महिलाओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान दिल्ली की निर्भया की मां आशा देवी ने कहा है कि इन नेताओं की वजह से लड़कियों को धमकियां मिल रही है और महिलाओं को प्रति अपराध बढ़ रहे हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने भी महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी पर नाराजगी जताई है. रेखा शर्मा ने कहा कि यह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास अभी भी ऐसे जनप्रतिनिधि हैं, जो स्त्री विरोधी हैं और महिलाओं के प्रति भयानक मानसिकता रखते हैं. यह वास्तव में घृणित है.
एमएलए सौम्या रेड्डी ने लिखा कि ऐसे बयान को लेकर सदन को सभी महिलाओं हर मां, हर बहन और देश की बेटी से से माफी मांगनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने विधानसभा में रमेश कुमार की 'तो लेटिए और मजे लीजिए' टिप्पणी पर कांग्रेस की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने विधायक को बर्खास्त कर देना चाहिए था.
ऐसा नहीं है कि महिलाओं के प्रति रमेश कुमार ने पहली बार असंवेदनशील टिप्पणी की है. 2019 में विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान भी वह अपनी तुलना रेप पीड़िता से कर चुके हैं. उन्होंने तब कहा था कि मेरी हालत रेप पीड़िता जैसी है. बलात्कार सिर्फ एक बार हुआ था. जब आप शिकायत करते हैं कि बलात्कार हुआ है, तो आरोपी को जेल में डाल दिया जाता है. लेकिन वकील पूछते हैं कि यह कैसे हुआ? यह कब हुआ और कितनी बार हुआ? रेप एक बार होता है लेकिन कोर्ट में 100 बार रेप होता है. यह मेरी हालत है.
जब कर्नाटक विधानसभा में दिए गए MLA रमेश कुमार के बयान की जब चारों तरफ निंदा हुई, तो उन्होंने माफी मांग ली. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'विधानसभा में रेप पर दिए गए अपने बयान पर मैं माफी मांगता हूं. ऐसे गंभीर अपराध का जिक्र मजे के तौर पर करने का मेरा इरादा नहीं था. आगे से अपने शब्दों का चुनाव करते समय मैं सावधानी रखूंगा.