नई दिल्ली :राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में वर्ष 2020 में मामूली कमी आई है. महिलाओं के साथ होने वाली 95 फीसदी घटनाओं को उनके ही परिचितों ने अंजाम दिया. सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले शादी का वादा टूटने एवं लिव इन रिलेशन टूटने के चलते दर्ज हुए हैं. वहीं, पांच फीसदी वारदातों में ही आरोपी पीड़िता से अंजान थे.
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर पुलिस बेहद गंभीरता से काम करती है. इन्हें रोकने के लिए उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाने के साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन पुलिस ऐसी वारदातों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहती है, जहां आरोपी पीड़ित के जानकार हैं.
NCRB के आंकड़े बताते हैं कि कहीं पर परिवार के सदस्य तो कहीं पर पड़ोसी ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. 40 फीसदी दुष्कर्म के मामले शादी का झांसा देकर या लिव-इन के जरिये अंजाम दिए गए हैं. वहीं 40 फीसदी वारदातों में आरोपी पारिवारिक दोस्त, पड़ोसी या एम्प्लायर थे. वर्ष 2020 में हुई 997 दुष्कर्म की वारदातों में केवल 48 वारदातों में आरोपी पीड़िता से अंजान थे.
दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि दिल्ली या किसी भी मेट्रोपोलिटन शहरों में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं. बड़े शहरों में लिव-इन का चलन बढ़ा है. दोनों अपनी मर्जी से साथ में रहते हैं, लेकिन जब उनके बीच संबंध टूटते हैं तो पुलिस में दुष्कर्म की शिकायत हो जाती है. इसी तरह शादी का झांसा देकर भी दुष्कर्म करने के मामलों की संख्या बहुत ज्यादा होती है.