नई दिल्ली : एनसीपीसीआर चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने गुरुवार को कहा कि ओवैसी झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 30 वाला तर्क यहां पर काम नहीं करेगा, क्योंकि बच्चों के अधिकार का कस्टोडियन और कोई नहीं, बल्कि सरकार है. इसलिए वैसे बच्चे जो स्कूल के बाहर हैं, उनके बारे में जानना सरकार का अधिकार है. इसलिए हम मदरसा जा रहे हैं, इससे पता चलेगा कि कितने छात्र स्कूल से बाहर हैं.
कानूनगो ने कहा कि सरकार के पास अधिकार है, वह बच्चों के बारे में जानकारी हासिल करे और उन्हें शिक्षा व्यवस्था में शामिल करे. उन्होंने कहा कि हमारी रिपोर्ट दिखलाती है कि 1.10 करोड़ बच्चे शिक्षा व्यवस्था से बाहर हैं, और उनमें से कई बिना रिकॉगनिशन वाले मदरसा में पढ़ाई कर रहे हैं. कानूनगो ने यूपी सरकार का भी धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने अच्छी पहल की है. उन्होंने कहा कि मैं तो सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वे अपने-अपने राज्यों के अंदर बच्चों के अधिकारों को लेकर सर्वे करे. कोई भी सांप्रदायिक अधिकार बच्चों के अधिकार से ऊपर नहीं हो सकता है.
आपको बता दें कि यूपी सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनका सर्वेक्षण कराने का बुधवार को फैसला किया. राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के मुताबिक, प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी.