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शरद पवार ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले- वो जो ठान लेते हैं उसे पूरा करते हैं

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (NCP President Sharad Pawar) ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) के पास अपने सहयोगियों को साथ ले जाने का एक अलग तरीका है और वह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी. पढ़िए पूरी खबर...

Sharad Pawar and PM Modi
शरद पवार और पीएम मोदी (फाइल फोटो)

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Published : Dec 30, 2021, 4:35 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (NCP President Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है और यही उनका मजबूत पक्ष है, जो उनको सभी से अलग बनाती है.

मुंबई में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने पीएम मोदी की प्रशंसा की. प्रधानमंत्री मोदी के कामकाज की शैली की प्रशंसा करते हुए शरद पवार ने कहा कि जब वो एक बार कोई कार्य करते हैं तो वह इसे पूरा करना सुनिश्चित करते हैं और काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय भी देते हैं.

शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि जब तक वह (कार्य) अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता, तब तक वह नहीं रुकेगा. शरद पवार ने कहा ने कहा कि वह बहुत मेहनत करते हैं और जिस कार्य को वह तार्किक निष्कर्ष तक ले जाते हैं, उसे पूरा करते हैं.

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एनसीपी सुप्रीमो ने आगे कहा कि मोदी के पास अपने सहयोगियों को साथ ले जाने का एक अलग तरीका है और वह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी. शरद पवार ने कहा कि मेरे अलावा यूपीए सरकार में कोई अन्य मंत्री नहीं था जो मोदी से बातचीत कर सके क्योंकि वह मनमोहन सिंह सरकार पर लगातार हमला करते थे. उन्होंने कहा कि मेरी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय थी कि तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए.

शरद पवार ने आगे कहा कि यूपीए की अंदरूनी बैठकों में वह सबको यही समझाते थे कि चाहे उनके और मोदी के बीच या बीजेपी के साथ कितने भी मतभेद हों लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री हैं. 'मैं बैठकों में कहा करता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं और लोगों ने उन्हें चुना है. अगर वह यहां कुछ मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों को दूर किया जाए और उनके राज्यों के लोगों के हितों पर असर न हो.'

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