मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बागी विधायकों के असम चले जाने पर इस्तीफा देना चाहते थे. लेकिन एनसीपी के एक बड़े नेता (सूत्रों के अनुसार शरद पवार) ने उन्हें ऐसा करने से मना किया.
सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के मुताबिक उद्धव ठाकरे जिस दिन, 22 जून को, फेसबुक के जरिए लोगों को संबोधित कर रहे थे, उसी दिन वह पद से त्याग पत्र की घोषणा करने वाले थे. उन्होंने इसके लिए अपना मन बना लिया था. लेकिन उनके इस संबोधन से ठीक पहले उनकी मुलाकात एनसीपी प्रमुख शरद पवार से हुई. इस बैठक की वजह से उस दिन उन्होंने फेसबुक लाइव की शुरुआत थोड़ी देर बाद की थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनसीपी के नेता ने उन्हें त्याग पत्र की सलाह नहीं दी.
उस दिन के कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा था कि वह इस्तीफा देने के लिए तैयार है, बशर्ते उनके विधायक उन्हें सामने आकर ऐसा करने के लिए कहें. उद्धव ने यह भी कहा था कि अगर उन्हें यहां आने में समस्या है, तो वे हमसे फोन पर संपर्क कर ऐसा करने के लिए कह सकते हैं. इस संबोधन के बाद उन्होंने अपना आधिकारिक आवास 'वर्षा' छोड़ दिया था. वे अपने आवास 'मातोश्री' रहने के लिए चले गए थे. उस दिन उन्होंने यह भी कहा था कि वह पार्टी प्रमुख का भी पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.
सूत्रों के अनुसार उसके बाद दूसरे दिन फिर से उद्धव ने अपने पद से इस्तीफा का मन बना लिया था. उन्होंने अपने करीबियों की बैठक भी बुलाई थी. लेकिन इसकी जानकारी जैसे ही एनसीपी के बड़े नेता को लगी, उन्होंने फिर से उद्धव को रोक दिया.
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