मुंबई:राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेताओं ने कोल्हापुर सहित महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में हाल के दिनों में हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं पर शनिवार को चिंता जताई. राकांपा के गठन के 24 साल पूरे होने के उपलक्ष में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि ये घटनाएं लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं हैं. वहीं, राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया कि सोशल मीडिया के जरिये सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की घटनाएं अतीत में कभी नहीं हुईं.
कोल्हापुर में मंगलवार को उस समय तनाव व्याप्त हो गया था, जब दो लोगों ने मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की तस्वीर को कथित रूप से एक आपत्तिजनक ऑडियो संदेश के साथ सोशल मीडिया पर साझा किया. अगले दिन, टीपू सुल्तान की तस्वीर के कथित इस्तेमाल को लेकर शहर में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटना होने के बाद पुलिस को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को बल-प्रयोग के जरिये तितर-बितर करना पड़ा.
वहीं, अहमदनगर जिले में पुलिस ने पिछले रविवार को निकाले गए एक जुलूस के दौरान कथित रूप से मुगल बादशाह औरंगजेब के पोस्टर ले जाने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. यह कार्रवाई घटना का वीडियो वायरल होने के बाद की गई. इसी तरह, बृहस्पतिवार को एक किशोर द्वारा सोशल मीडिया पर कथित तौर पर औरंगजेब का महिमामंडन करने वाला संदेश पोस्ट किए जाने के बाद बीड जिले के आष्टी कस्बे में तनाव फैल गया. हिंदुत्व संगठनों ने शुक्रवार को आष्टी में 'बंद' का आह्वान किया.
इन घटनाओं का जिक्र करते हुए सुले ने कहा, 'यह स्थिति लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है. सुले लोकसभा में पुणे जिले की बारामती सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं. राकांपा नेताओं से समुदायों के बीच तनाव घटाने की दिशा में काम करने की अपील करते हुए सुले ने कहा, 'हम महाराष्ट्र और देश के विकास के लिए लड़ना जारी रखेंगे.' उन्होंने राकांपा कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए कहा कि वे पार्टी की 'रीढ़' हैं.