मुंबई :राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है. शरद पवार के फैसले से महाराष्ट्र के तमाम राजनीतिक हल्कों में सरगर्मी बढ़ गई है. पवार ने अपनी आत्मकथा के विमोचन समारोह के दौरान ये बड़ा ऐलान कर दिया. इस ऐलान के बाद जहां एनसीपी नेता भावुक हो रहे हैं, वहीं, समर्थकों ने हंगामा भी मचाया. पवार के पद छोड़ने की बात सामने आने के बाद से ही पार्टी कार्यकर्ता उनसे पद पर बने रहने की अपील कर रहे हैं. हालांकि, अजीत पवार ने साफ कह दिया है कि शरद पवार ने ये फैसला अपनी उम्र को देखते हुए लिया है. वह 01 मई को इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन लेकिन महाविकास अघाड़ी की रैली के कारण वो एलान नहीं कर पाए थे. अब वह अपना फैसला वापस नहीं लेंगे. अजित पवार ने कहा कि कमेटी जो भी निर्णय लेगी, उन्हें स्वीकार होगा.
अजीत पवार ने कहा, ''पवार साहब (शरद पवार) ने खुद कुछ दिन पहले सत्ता परिवर्तन की जरूरत के बारे में कहा था. हमें उनके फैसले को उनकी उम्र और सेहत के लिहाज से भी देखना चाहिए. वक्त के हिसाब से सबको फैसला करना है, पवार साहब ने फैसला लिया है और वह इसे वापस नहीं लेंगे." उन्होंने कहा, "पवार साहब हमेशा एनसीपी परिवार के मुखिया रहेंगे. जो भी नया अध्यक्ष होगा वह पवार साहब के मार्गदर्शन में ही काम करेगा."
पवार के ऐलान के बाद कार्यक्रम में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. मुंबई में वाईबी चव्हाण सेंटर के बाहर एनसीपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने पवार से अपना फैसला वापस लेने की अपील करते रहे. इस दौरान पावर के कुछ समर्थक और कार्यकर्ता रोते हुए भी नजर आए. इधर, सुप्रीया सुले, जयंत पाटिल तथा अन्य नेता उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग कर रहे हैं. एनसीपी नेता छगन भुजबल, जयंत पाटिल समेत कई नेता शरद पवार के फैसले से भावुक हो उठे. जयंत पाटिल तो फफक कर रोने लगे. एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, "उनका (शरद पवार) इस्तीफा किसी को भी स्वीकार नहीं है." प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "पवार ने अपने निर्णय को लेकर पहले किसी से भी चर्चा नहीं की."