नई दिल्ली: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi Government of Maharashtra) में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व शिवसेना नेताओं पर चल रही ईडी की कार्रवाई के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की है. शरद पवार ने कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने की वजह से केंद्रीय एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. बाद में प्रेस से बात करते हुए पवार ने गैर भाजपा दलों की एकजुटता पर जोर दिया.
करीब 20-25 मिनट तक चली आमने-सामने की बैठक के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैंने ईडी द्वारा शिवसेना नेता संजय राउत की संपत्तियों को कुर्क करने का मामला पीएम के संज्ञान में लाया. उनसे कहा कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी इस तरह का कदम उठाती है, तो उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. यह कार्रवाई हो रही है क्योंकि वे सरकार के खिलाफ बोलते हैं. शरद पवार ने कहा कि दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसी को उपेक्षित या दरकिनार महसूस न कराएं. पवार ने कहा कि संजय राउत पत्रकार भी रहे हैं. साथ ही पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में उनका गठबंधन, एमवीए, पूर तरह से सुरक्षित है. उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. पवार ने यह भी कहा कि उनका गठबंधन इसके बाद भी चुनकर सामने आएगा.
यूपीए पर बोले पवार:राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना मिलकर भाजपा का मुकाबला करेंगे, इस पर शरद पवार ने कहा कि राकांपा का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है. मैं यूपीए की कमान संभालने को भी तैयार नहीं. शरद पवार ने कहा कि गैर भाजपा दल, जो समान विचारधारा वाले हैं, उन दलों की एक बैठक बुलाई जानी चाहिए. जिसमें चर्चा की जानी चाहिए कि हमारी भविष्य की कार्रवाई क्या होगी. सभी विपक्षी दलों को एक साझा मंच पर आना चाहिए. वे मिलें और चर्चा करें कि मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दों को कैसे उठाया जाए. विशेष रूप से ईंधन की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी आदि की समस्या कैसे उठाई जाए.
विपक्षी एजुटता पर जोर:राकांपा प्रमुख शरद पवार ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी और आम लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए, एकजुट विपक्ष की जरूरत पर जोर दिया. डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस और सीएनजी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के सवाल पर पवार ने कहा कि ये आम आदमी को झकझोर रहे हैं. सभी दलों को मतभेदों को पीछे छोड़कर इन मुद्दों को उठाने के लिए साझा कार्यक्रम के तहत चर्चा करनी चाहिए.