नई दिल्लीःस्कूली किताबों को जानकारी का सबसे बेहतर स्रोत माना जाता है. खास तौर पर भारत के इतिहास से संबंधित सभी जानकारियां छात्र यही किताबें पढ़कर हासिल करते हैं, लेकिन 12 वीं की किताब में दी गई एक जानकारी को लेकर एनसीईआरटी को जवाबदेही भारी पड़ रही है.
बता दें कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर के छात्र शिवांक वर्मा ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से हिस्ट्री की किताब में मुगलकाल से संबंधित किए गए दावों पर आरटीआई लगाकर स्पष्टीकरण मांगा, जिसके जवाब में एनसीईआरटी ने कहा कि इस संबंध में फाइल में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है.
किताब में लिखे स्रोत की छात्र ने मांगी जानकारी
वहीं एनसीईआरटी का यह जवाब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और कहा जा रहा है कि पाठ्य पुस्तकों में मुगल काल को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है. बता दें कि 12वीं क्लास में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी की इतिहास की किताब-थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट टू में यह दावा किया गया है कि शाहजहां और औरंगजेब के शासन काल में युद्ध के दौरान, जो मंदिर टूटे थे उनकी मरम्मत के लिए धन दिए गए थे.