श्रीनगर :कारोबारी से नेता बने अल्ताफ बुखारी ने कहा कि दरअसल जब किंग्स पार्टी या बी-टीम जैसी बात उछाली जाती है तो मैं सिर्फ हंस देता हूं. नेशनल कांफ्रेंस 1999 से भाजपा के साथ सत्ता में थी और पीडीपी ने 2014 के विधासभा चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन किया था. ऐसे नाम मेरी पार्टी को दिए जाते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो असल में वे भाजपा की बी-टीम हैं.
बुखारी के दफ्तर के बाहर कई लोग अलग-अलग काम के सिलसिले में कतार में लगे थे. बुखारी ने नेकां और पीडीपी दोनों पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ये पार्टियां अपने परिवार वालों के अलावा किसी और से दिल्ली में लोगों से मिलना पसंद नहीं करतीं. बुखारी मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे.
उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है कि एक पार्टी जिसे दिल्ली से कोई लाभ नहीं मिला, उसे बी-टीम कहा जा रहा है. जिन्होंने भाजपा की बदौलत सत्ता का सुख लिया, वे हमें बी-टीम कह रहे हैं. लोगों को इन राज्य प्रायोजित तत्वों का वास्तव में खुलासा करना चाहिए जो सत्ता में रहना चाहते हैं और राजनीति में किसी नए के खिलाफ संदेह पैदा करना चाहते हैं.
बुखारी ने मार्च 2020 में कुछ नेताओं के साथ मिलकर जेकेएपी का गठन किया था. उन्होंने कहा कि पार्टी नई है और हम सभी बदली हुई हकीकत के साथ जम्मू कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य पर उभरने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि मैं दिल्ली गया और जेलों से लोगों की रिहाई पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मिला, किसी भी जनसांख्यिकीय परिवर्तन की आशंका को दूर किया और यह सुनिश्चित किया कि नौकरियों और जमीन का कोई नुकसान नहीं हो. तो इस पर वे (नेकां और पीडीपी) हाय-तौबा क्यों मचा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि क्योंकि वे सोचते हैं कि दिल्ली जाने का सिर्फ उन्हें ही अधिकार है. वे समझते हैं कि दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों से मिलना उनका ही खानदानी अधिकार है और जब अल्ताफ बुखारी जैसा कोई शख्स प्रधानमंत्री से मिलता है तो वह दिल्ली की सत्ता का एजेंट बन जाता है. उन्होंने कहा कि 1947 के बाद से यह हमेशा से उनका अधिकार रहा है. जब भी इन परिवारों से हटकर कोई दिल्ली गया है तो वे उसे दिल्ली का एजेंट या दिल्ली अथवा सत्तारूढ़ पार्टी की बी-टीम करार देते हैं. जम्मू कश्मीर में अपनी मिल्कियत बनाए रखने के लिए वे हर किसी पर धौंस जमाते हैं.