पलामू :झारखंड नक्सल संगठनों के टॉप कमांडरों के लिए बड़ा चारागाह है. बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ और आंध्र के टॉप नक्सल कमांडर (top naxal commander) झारखंड में हावी हैं. माओवादियों के अधिकतर टॉप कमांडर बाहर के राज्यों के हैं. बूढ़ापहाड़, सारंडा, बिहार सीमा पर बाहर के टॉप कमांडर के नेतृत्व में पूरा दस्ता सक्रिय है. झारखंड के हथियार बंद कैडरों का नेतृत्व बिहार और बंगाल के टॉप कमांडर कर रहे हैं.
झारखंड के विभिन्न इलाकों से प्रतिवर्ष करोड़ों की लेवी वसूली जाती है, ये लेवी की रकम सीधे माओवादियो के टॉप कमांडरों के पास जाती है. झारखंड से लेवी वसूलने के बाद माओवादियों के टॉप कमांडर बाहर के राज्यों में फरार हो जाते हैं. नक्सल मामलों के जानकार देवेंद्र प्रसाद बताते हैं कि बिहार, बंगाल , छत्तीसगढ़ और आंध्र के नक्सलियों ने झारखंड को चारागाह बना कर रखा है. नक्सल आंदोलन राह से भटक चुका है जिस कारण यहां के भोले-भाले लोग इस्तेमाल हो रहे हैं.
दूसरे राज्यों के नक्सलियों पर लाखों रुपए का इनाम:झारखंड की सरकार ने करीब 150 नक्सलियों पर इनाम की घोषणा की है. इस सूची में 40 से अधिक टॉप कमांडर दूसरे राज्यों से हैं. झारखंड, बिहार, उतरी छत्तीसगढ़, सीमांत उतर प्रदेश कमिटी में 59 इनामी नक्सली हैं, जिसमें से 25 से अधिक बिहार के नक्सली सक्रिय हैं. झारखंड में बिहार के नक्सली कमांडर हावी हैं. बूढ़ा पहाड़ और झारखंड-बिहार की सीमा पर बिहार के टॉप कमांडर हावी हैं. सारंडा के इलाके में बंगाल के नक्सली हावी हैं.