दंतेवाड़ा: जिले के अरनपुर में बड़ा नक्सली हमला हुआ है. इस हमले में नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट कर डीआरजी जवान से भरी गाड़ी को उड़ा दिया.आईईडी ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हो गए. अरनपुर समेली कैंप के बीच नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया. इस हमले में एक ड्राइवर की भी मौत हो गई है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया था कि हिडमा की सूचना पर सुरक्षा बलों की टीम रवाना की गई थी. उनके सपोर्ट के लिए बाद में डीआरजी के जवानों को रवाना किया गया था. यह टीम जब लौट रही थी. तब नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर दिया.
हिड़मा की मिली थी जानकारी:बीते 20 अप्रैल से ही पुलिस को बड़े नक्सली कमांडर कोसी और मंगड़ू के सुकमा और दंतेवाड़ा बॉर्डर पर सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी. इसके साथ ही हिड़मा की होने की जानकारी भी सुरक्षा बलों को मिली थी. इस इनपुट पर जवान दंतेवाड़ा सुकमा बॉर्डर पर लगातार सर्चिंग कर रहे थे. 21 अप्रैल को सुकमा में सर्चिंग पर निकले जवानों और नक्सलियों की मुठभेड़ भी हुई थी. जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली फरार हो गए. आईजी सुन्दराज पी ने 4 से 5 नक्सलियों के घायल होने का दावा किया था. सर्च ऑपरेशन जारी रखा गया.
नक्सलियों को जवानों के पहुंचने की मिल गई थी सूचना: मंगलवार को दंतेवाड़ा पुलिस ने दोबारा जवानों को ऑपरेशन पर भेजा. इस ऑपरेशन में 300 से ज्यादा जवान शामिल थे. मंगलवार शाम को जवानों को कई गाड़ियों में अलग अलग इलाके में तैनात किया. डीआरजी की प्लाटून नंबर 1 को अरनपुर के जंगल में भेजा गया. यहीं से जवान नक्सली कमांडर को घेरने के लिए जंगल में घुसे. इससे पहले ही नक्सलियों को जवानों के बड़ी गाड़ी में भरकर पहुंचने की खबर मिल गई.
सड़क निर्माण के दौरान नक्सलियों ने किया था IED प्लांट:नक्सलियों ने जवानों से भरी गाड़ी को निशाना बनाने की प्लानिंग कर ली. नक्सलियों की स्मॉल एक्शन कमिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई. सूत्रों से पता चला है कि अरपुर समेली कैंप के बीच सड़क निर्माण के दौरान ही नक्सलियों ने IED प्लांट कर रखा था. सड़क से करीब 80 से 90 मीटर लंबा तार जंगल की तरफ बिछाया गया था.
जवानों से भरी पहली गाड़ी नक्सलियों के निशाने से चूकी: बुधवार को जवानों से भरी कई गाड़ियां उस रोड से गुजरी. पहली गाड़ी को ही नक्सलियों ने निशाना बनाने की प्लानिंग की. लेकिन नक्सली उस गाड़ी को निशाना नहीं बना सके. कुछ देर बाद लगभग डेढ़ से 2 बजे के बीच नक्सलियों ने दूसरी गाड़ी को निशाना बनाया जिसमें डीआरजी के 10 जवान सवार थे. गाड़ी सिविलियन की थी. इस वजह से ड्राइवर भी सिविलयन था. गाड़ी जैसे ही IED के ऊपर पहुंची, घात लगाए नक्सलियों ने ब्लास्ट कर दिया.