मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Maharashtra minister Nawab Malik) ने बृहस्पतिवार को जानना चाहा कि क्या रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) ने फोन कॉल टैप करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति ली थी. एक दिन पहले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने कुछ फोन नंबर टैप करने के लिए अनुमति दी थी.
शुक्ला ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय (Bombay high court) से कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कुछ फोन नंबर टैप करने के लिए अनुमति दी थी ताकि पुलिस के स्थानांतरण एवं पदस्थापन में भ्रष्टाचार की शिकायतों का सत्यापन किया जा सके.
उनके वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि जब शुक्ला राज्य खुफिया विभाग का नेतृत्व कर रही थीं तब महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक ने कुछ फोन नंबर पर निगरानी रखने के निर्देश दिए थे.
जेठमलानी ने कहा कि शुक्ला ने भारतीय टेलीग्राफ कानून के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से अनुमति ली थी. उन्होंने कहा कि कुंटे ने 17 जुलाई 2020 से 29 जुलाई 2020 तक शुक्ला को निगरानी रखने की अनुमति दी थी.
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इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि शुक्ला के वकील ने अदालत को सूचित किया है कि उन्होंने कुछ फोन नंबर को टैप करने के लिए उपयुक्त अनुमति ली थी. राकांपा के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को 'गुमराह' किया और अनुमति हासिल कर ली. मलिक ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, 'यह पता लगाना जरूरी है कि क्या पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने फोन कॉल टैप करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति ली थी अथवा नहीं.'
उन्होंने आरोप लगाए, 'उन्होंने राजद्रोह और देश हित के बहाने अनुमति मांगी थी लेकिन वास्तव में राजनीतिक विरोधियों के कॉल टैप किए.' अवैध फोन टैपिंग और पुलिस पदस्थापना से जुड़े संवेदनशील दस्तावेजों को कथित तौर पर लीक करने के लिए मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज प्राथमिकी को शुक्ला ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
वह वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दक्षिण जोन में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर हैदराबाद में तैनात हैं.
(पीटीआई-भाषा)