मुंबई :देश में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. महाराष्ट्र में की स्थिति काफी दयनीय है, राज्य में कोरोना का कहर और बीमारी से लोगों की उम्मीदों को तोड़ता डर दोनों ही साफ देखा जा सकता है. राज्य में रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार के सामने सुरक्षा को लेकर बड़ी जिम्मेदारी है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना उपचार की दवा, ऑक्सीजन और रेमेडिसविर की कमी की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वहां से निराशा हाथ लगी.
दरअसल, राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑक्सीजन की कमी और रेमेडिसविर के बारे में फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करने की कोशिश की, जिस पर उन्हें वहां से जवाब मिला कि प्रधानमंत्री बंगाल दौरे पर हैं. नवाब मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां लोग मर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी चुनाव में व्यस्त हैं.
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महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने निर्यात कंपनियों को राज्य को रेमडेसिविर की आपूर्ति नहीं करने के लिए कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में सत्तासीन भाजपा को कोरोना वायरस से निपटने के बजाय चुनाव जीतने में अधिक दिलचस्पी है.
भाजपा ने यह कहते हुए उन पर पलटवार किया कि मलिक को 'झूठे' एवं 'बेबुनियाद' आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा सबूत देना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पद से हट जाना चाहिए.
मलिक के आरोप से कुछ दिन पहले केंद्र ने कोविड-19 के मामलों में अनायास वृद्धि के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी थी. रेमडेसिविर कोविड-19 के क्लिनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल के तहत गंभीर मरीजों के वास्ते इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध दवा है.