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एमएलसी चुनाव: नवाब मलिक, अनिल देशमुख को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली वोट देने की अनुमति

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने एमएलसी चुनाव में वोट देने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन शीर्ष अदालत से भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों विधायकों को एमएलसी चुनाव में वोट डालने के लिए अस्थायी रिहाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

नवाब मलिक व अनिल देशमुख
नवाब मलिक व अनिल देशमुख

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Published : Jun 20, 2022, 12:57 PM IST

Updated : Jun 20, 2022, 4:11 PM IST

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक की एमएलसी चुनाव में वोट डालने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों विधायकों को एमएलसी चुनाव में वोट डालने के लिए अस्थायी रिहाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इससे पहले अनिल देशमुख और नवाब मलिक ने महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों में वोट देने के लिए उनकी याचिका खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मंत्रियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था और आज ही मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी. लेकिन शीर्ष अदालत से भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली.

पीठ ने कहा कि मामले की फाइलें मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष रखी जाएंगी. वही तय करेंगे कि मामले की सुनवाई कब होगी और इसकी सूचना दोपहर बाद बतायी जाएगी. उन्होंने पुलिस एस्कॉर्ट का उपयोग करके वोट डालने के लिए उनकी अस्थायी रिहाई की अनुमति देने के लिए निर्देश मांगा. इससे पहले, मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने नवाब मलिक और अनिल देशमुख द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के लिए एक दिन की जमानत मांगी गई थी. दो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक मलिक और देशमुख वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में विचाराधीन कैदियों के रूप में बंद हैं.

देशमुख को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में 1 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने अल्पसंख्यक विकास मंत्री मलिक को 23 फरवरी को गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों से कथित रूप से जुड़े एक संपत्ति सौदे में गिरफ्तार किया था. मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में एक अस्पताल में है. निचली अदालत ने इससे पहले मलिक और देशमुख को 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में बंद कैबिनेट मंत्रियों नवाब मलिक को बर्खास्त करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है.

यह भी पढ़ें-विधान परिषद चुनाव: नवाब मलिक और अनिल देशमुख की याचिका खारिज

Last Updated : Jun 20, 2022, 4:11 PM IST

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