नई दिल्ली : नौसेना के उपकरणों की खरीद तथा उनकी देखरेख से संबंधित गोपनीय सूचना कथित तौर पर लीक करने के मामले में गिरफ्तार नौसेना के सेवारत कमांडर अजीत कुमार पांडेय को विशेष अदालत ने जमानत दे दी क्योंकि सीबीआई ने अधूरा आरोप पत्र दाखिल किया था.
पांडेय को तीन सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत जांच करते हुए पांडेय तथा अन्य के खिलाफ 'अधूरा आरोप-पत्र' दायर किया था जिसके बाद अदालत ने पांडेय को जमानत दे दी. विशेष न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने अपने आदेश में कहा कि अदालत में दायर आरोप-पत्र अधूरा है, इसमें सरकारी गोपनीयता कानून के तहत की गई जांच का कोई जिक्र नहीं है जबकि इस मामले में यह जांच हुई है.
न्यायाधीश ने कहा, 'दंड प्रक्रिया संहिता की स्वत: जमानत से संबंधित धारा 167 (2) के तहत आरोप-पत्र अधूरा है.' अदालत इसी आधार पर अन्य आरोपी सेवानिवृत्त नौसैन्य अधिकारी रणदीप सिंह और सतविंदर जीत सिंह को पहले ही जमानत दे चुकी है. जांच एजेंसी 60 दिन अथवा 90 दिन की तय अवधि (लगाए गए आरोपों के आधार पर) के भीतर आरोप-पत्र दायर नहीं करती है तो आरोपी वैधानिक रूप से जमानत का अधिकारी हो जाता है.