पलामू :पूरे देश में नवरात्र की धूम है. लोग मां दुर्गा से अपनी सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. नवरात्र के दौरान देश के विभिन्न इलाकों में कई ऐसी परंपराएं हैं. जो मां दुर्गा की भक्ति का उदाहरण है. नारी शक्ति का बड़ा उदाहरण है फूल लोढ़ी (Phool Lodhi) परंपरा. यह परंपरा झारखंड के पलामू, गढ़वा और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड के कुछ इलाकों में प्रचलित है.
नवरात्र के पहले दिन शुरू होने वाली फूल लोढ़ी परंपरा सप्तमी तक चलती है. सप्तमी की शाम में आरती के साथ इसका समापन होता है. फूल लोढ़ी परंपरा में देवी मां के सभी रूपों के साथ साथ भगवान शिव और गौरी, गणेश की भी पूजा की जाती है. यह परंपरा प्रकृति से जुड़ा है. इसमें फूल और नदियों का काफी महत्व है. इसके गीत आज भी पलामू के कई हिस्सों में गूंजते हैं. पंडित चंद्र कांत द्विवेदी बताते हैं कि फूल लोढ़ी की परंपरा यूपी और उत्तराखंड के कई इलाकों में भी है.
ससुराल से मायके जाती है लड़कियां
फूल लोढ़ी पूरी तरह लड़कियों को समर्पित परंपरा है. इसमें खासतौर पर लड़कियां अपने ससुराल से मायके जाती है. पूरे नवरात्र लड़कियां अपने मायके में रहती हैं और फूल लोढ़ी करती हैं. लड़कियां गांव के विभिन्न इलाको में जाती है और फूल तोड़कर लाती है. हर दिन नए फूल से मां दुर्गा के सभी रूप की पूजा की जाती है.