हैदराबाद : पहाड़ी राज्य हिमाचल के किन्नौर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर भीषण भूस्खलन हुआ है. भूस्खलन में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई, मलबे से 23 अन्य को सुरक्षित निकाल लिया गया है. किन्नौर के जिला मुख्यालय रिकांग पियो से 61 किलोमीटर दूर निगुलसारी के पास राजमार्ग पर एक बड़े हिस्से के भूस्खलन में एक ट्रक, एक सरकारी बस और अन्य वाहन दब गए.
हाल के दिनों में किन्नौर में यह दूसरी बड़ी प्राकृतिक आपदा है. पिछले महीने, नौ लोग, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे, भूस्खलन से मारे गए थे, क्योंकि सड़क पर बोल्डर गिर गए थे और लोग जिस वाहन में यात्रा कर रहे थे, पत्थर उससे टकरा गए थे.
यह मानसून राज्य के कांगड़ा जिले में भी बड़े भूस्खलन का कारण बना. इसमें 10 लोगों की जान चली गई थी. सिरमौर जिले में बड़े पैमाने पर भूस्खलन को कैप्चर करने वाले भयानक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
27-28 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले के ठंडे रेगिस्तान में असाधारण रूप से हुई भारी बारिश के कारण भी सात लोगों की मौत हो गई थी. जिले के केलांग और उदयपुर उपखंड में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ जैसी 12 घटनाएं सामने आईं. जिससे तोजिंग नाले (छोटी नदी) का जलस्तर बढ़ गया.
इस साल उत्तराखंड में भी इस तरह की घटनाएं देखने को मिली. सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में त्रासदी आई. यहां पर ग्लेशियर टूटने से 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इस हादसे ने 2013 के केदारनाथ हादसे की याद ताजा कर दी थी. हालांकि, वह इससे कहीं बड़ी और भीषण आपदा थी.
वहीं अप्रैल महीने में भारत-चीन सीमा के पास उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल में हिमस्खलन हुआ था, चपेट में आने से कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 291 मजदूरों को सुरक्षित बचाया गया था. इसके अलावा जुलाई महीने में टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग लैंडस्लाइड हुआ था. इस हादसे में तकरीबन 150 लोग फंस गए थे.