नई दिल्ली :वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि नील के पौधे से प्राप्त प्राकृतिक रंग मनुष्य की आंखों को हानिकारक लेजर विकिरण के प्रभाव से बचाने में समक्ष है. ये रंग पत्तियों के अर्क से प्राप्त किया जाता है.
विज्ञान एवं तकनीक विभाग ने शनिवार को एक बयान में कहा कि इसका उपयोग संभावित हानिकारक विकिरण को कमजोर करने और लेजर के उपयोग वाले वातावरण में संवेदनशील ऑप्टिकल उपकरणों एवं आखों को आकस्मिक नुकसान से बचाने के लिए 'ऑप्टिकल लिमिटर' (प्रकाश को सीमित करने वाला) विकसित करने के लिए किया जा सकता है.
नील के पौधे से प्राप्त नीले रंग का उपयोग वर्षों से कपड़ों की रंगाई में किया जाता है. हालांकि, अब कृत्रिम नीले रंग भी उपलब्ध हैं लेकिन प्राकृतिक नीला रंग अभी भी उपयोग में लाया जाता है.