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नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे : प्रदूषण से हर साल 22 लाख भारतीयों की होती है मौत

प्रदूषण वैश्विक समस्या है. इस समस्या से दुनिया के सभी देश पीड़ित हैं. कई कारणों से होने वाले प्रदूषण से पूरी दुनिया में कई लोग हर साल अपनी जान गंवाते हैं. भारत में भोपाल गैस त्रासदी से बड़ी संख्या में लोग मारे गये थे. इससे हुए प्रदूषण की मार आज भी लोग झेल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..National Pollution control Day, National Pollution Prevention Day, Bhopal Gas Tragedy, Bhopal Gas Tragedy Anniversary Day, Bhopal Gas Tragedy Remembrance Day.

National Pollution control Day
नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 1, 2023, 5:24 PM IST

हैदराबाद : भोपाल गैस त्रासदी, भारत के सबसे बड़े हादसों में एक है. साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर को यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के प्लांट से मेथाइल अयिसोसायिनेट (Methyl Isocyanate) गैस लीक होने भोपाल शहर में अफरा-तफरी मच गई. इस दौरान जो लोग जहां थे वहीं बेहोश होकर गिर गये. इस त्रासदी में हजारों की संख्या में लोग तत्काल मारे गये. वहीं बड़ी संख्या में इस त्रासदी से गंभीर रूप से बीमार हो गये, जिनके मौतों का सिलसिला साल-दर-साल चलता रहा. इसके अलावा हजारों की आबादी आज भी इस त्रासदी के चपेट में हैं. भोपाल गैस से पीड़ितों की याद में हर साल 2 दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे (National Pollution Control Day) मनाया जाता है.

सरकारी आंकड़ों में मारे गये 5300 लोग
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 5 हजार 300 के करीब लोग मारे गये थे. इस दौरान कई हजार लोग आजीवन रूप से गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो गये थे जिनकी मौत बाद में हो गई. वहीं गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार मृतकों और प्रभावित लोगों की संख्या कई गुना है.

40 टन का जहरीली गैस का हुआ था रिसाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूनियन कार्बाइड प्लांट के एक टैंक में पानी पहुंच गया. इसके बाद हुए केमिकल रियेक्शन के कारण टैंक में प्रेशर बढ़ गया और टैंक अचानक से खुल गया. बताया जाता है इस दौरान 40 टन का जहरीली गैस का रिसाव हो गया. इस रिसाव ने भोपाल में इतनी बड़ी तबाही मचाया कि आज इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है.

प्रदूषण से हर साल 83.4 लाख लोगों की होती है मौत
प्रदूषण वैश्विक समस्या है. हाल में साइंस पार्टल The BMJ में जीवाश्म ईंधन के कारण वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल पूरी दुनिया में 83.4 लाख (8.34 मिलियन) लोग प्रदूषण के कारण से मारे जाते हैं. वहीं प्रदूषण से होने वाली मौतों में 24.4 लाख (2.44 मिलियन) चीन पहले नंबर पर है. वहीं प्रदूषण से मौत के मामलें में 21.8 लाख (2.18 मिलियन) की संख्या के साथ दूसरे नंबर पर है.

भारत में प्रदूषण का मानक
प्रदूषण का भारत में मानक

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाल में सरकार की ओर से उठाये गये कदाम

  1. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 (Solid Waste Management Rules 2016)
  2. ई-अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2022 (E-Waste Management Rules 2022)
  3. प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 (Plastic Waste Management Rules 2016)
  4. जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 (Bio-Medical Waste Management Rules 2016)
  5. निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 (Construction And Demolition Waste Management Rules 2016)
  6. कोयला और लिग्नाइट आधारित थर्मल पावर प्लांट से राख का उपयोग 2021। (Utilization of ash from coal and lignite based thermal power plants 2021)
    नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे

प्रदूषण नियंत्रण के उठाये गये प्रमुख कदम

  1. वायु गुणवत्ता मानकों के निगरानी के लिए नियम तय किया गया
  2. राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक लागू किया गया
  3. वाहनों के उत्पादन लिए प्रदूषण मानकों का सख्ती
  4. पुराने वाहनों को सड़कों से हटाना
  5. पेट्रोल-डीजल के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहन, सीएनजी, एलपीजी सहित अन्य स्वच्छ ईंधन का उपयोग
  6. अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नये मानकों को जारी किया गया.
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दूषित जल से सालाना 2 लाख लोग गंवाते हैं जान
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्रीप्रह्लाद सिंह पटेल ने एक प्रश्न के उत्तर में लोक सभा में अपने जवाब में बताया था कि सभी लोगों तक सुरक्षित जल की पहुंच नहीं होने के कारण हर साल लगभग 2 लाख अपनी जान गवां देते हैं. मंत्री ने बताया कि नीति आयोग की ओर से जारी समग्र जल प्रबंधन रिपोर्ट 2018 में सुरक्षित जल के अभाव में इन मौतों के पीछे मुख्य कारण है.

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