हैदराबाद :26 दिसंबर 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, चेन्नई में महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 125वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती 22 दिसंबर को नेशनल मैथमेटिक्स डे या कहें राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. वहीं साल 2012 को नेशनल मैथमेटिक्स इयर घोषित किया गया था. साल 2012 में पहली बार राष्ट्रीय गणित दिवसके रूप में मनाया गया. इसके बाद से हर साल 22 दिसंबर को नेशनल मैथमेटिक्स डे मनाया जाता है. नेशनल मैथमेटिक्स डे मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय निवासी व विश्व के जाने-माने गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का गणित के क्षेत्र में उनके योगदानान के बारे में देश-दुनिया की आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराना और उन्हें शोध के लिए प्रेरित करना है.
श्रीनिवास रामानुजन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें
- गणित के जादूगर कहे जाने वाले श्रीनिवास रामानुजन मूल रूप से दक्षिण भारत के कोयम्बटूर के ईरोड नामक गांव में हुआ.
- 22 दिसंबर 1887 को ईरोड में श्रीनिवास रामानुजन का जन्म हुआ था.
- अदभूत प्रतिभा के कारण मद्रास यूनिवर्सिटी की ओर से श्रीनिवास रामानुजन को 1903 में स्कॉलरशिप ऑफर किया गया था.
- गणित पर ज्यादा फोकस के कारण वे अंग्रेजी में फेल हो गये और अगले ही साल 1904 में स्कॉलरशिप छीन लिया गया.
- जर्नल ऑफ द मैथमैटिकल सोसाइटी नामक जर्नल में 1911 में उनका पहला पेपर प्रकाशित हुआ था.
- 1909 में रामानुजन की शादी जानकी अम्माल के साथ हुई.
- वहीं 26 अप्रैल 1920 को उनका निधन तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कुंभकोणम (कुदंथाई) नामक स्थान पर हुआ था.
- महज 32 साल की आयु में गणित के क्षेत्र में कई अमूल्य जानकारी देने के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया.
- गणित के क्षेत्र में रामनुजन के शोध के लिए वे दुनियाभर के गणितज्ञों के लिए एक प्रेरणाश्रोत हैं.
- साल 2012 से भारत में उनके जन्मदिवस को नेशनल मैथमेटिक्स डे के रूप में मनाया जाता है.
- श्रीनिवास रामानुजन ने दुनिया को 120 थ्योरम का उपहार दिया था.
- गणित के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के कारण कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से आमंत्रण मिला था.
- वे पहले पहले भारतीय नागरिक थे जिन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज का फेलो बनने का मौका मिला था.
- ब्रिटेन के रॉयल सोसाइटी के सबसे कम आयु में सदस्य बनने वाले पहले व्यक्ति थे.
- साल 1918 में वे रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन के सदस्य चुने गये थे.
Ramanujan's Major Contributions to Mathematics
- Infinite series for pi
- Game Theory
- Mock Theta Function
- Ramanujan Number
- Circle Method
- Theta Function
- Hyper-geometric series
- The Riemann Series
- The elliptic integrals
- The theory of divergent series
- Functional equations of the zeta function
विकासशील देशों के गणितज्ञों को मिलता है रामानुजन पुरस्कार
The Ramanujan Prize अंतरराष्ट्रीय स्तर के युवा गणितज्ञ को 2005 से हर साल दिया जाता है. यह पुरस्कार कई वैश्विक संगठनों की ओर से संयुक्त रूप से दिया जाता है. इसकी स्थापना International Center For Theoretical Physics, and International Mathematical Union और Niels Heinrich Abel Memorial Fund के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. 2012 में एबेल फंड की भागीदारी समाप्त हो गई. इसके बाद से भारत सकरार के अधीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 10 सालों (2014-2023) के लिए पुरस्कार का वित्त पोषण किया जा रहा है. रामानुजन पुरस्कार हर साल विकासशील देश के 45 साल (31 दिसंबर) तक के युवा शोधकर्ताओं को दियी जाता है. विजेताओं को पुरस्कार दिया जाता है. इसके तहत विजेता को 10,000 अमेरिकी डॉलर दिया जाता है और International Center For Theoretical Physics लेक्चर देना का मौका मिलता है.