हैदराबाद :सभी लोगों को सुलभ कानूनी सलाह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 लाया गया था. यह 1995 में लागू हुआ था. कानूनी/विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के लागू होने का जश्न मनाने के लिए हर साल 9 नवंबर को राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस (National Legal Services Day) मनाया जाता है. इस दिन विधि विभाग व कई सामाजिक संगठनों की ओर से कानूनी साक्षरता कैंप का आयोजन किया जाता है. इसके अलावा विभिन्न स्तर पर न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन किया जाता है. हर साल सुलह योग्य लाखों की संख्या में मामलों का निपटारा किया जाता है.
कानूनी सेवा दिवस आयोजन का उद्देश्य
देश भर में जरूरतमंदों को बिना किसी शुल्क के कानूनी सेवाएं प्रदान करना. इसके तहत कमजोर वर्ग के लोगों, महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, मानव तस्करी पीड़ित, प्राकृतिक आपदा पीड़ित और बच्चों को मुख्य रूप से कानूनी सलाह उपलब्ध कराया जाता है. शैक्षणिक संस्थाओं सहित अन्य जगहों पर प्रमुख कानूनों के बारे में छात्र-छात्राओं, महिलाओं को जागरूक किया जाता है.
एक लाख से ज्यादा मामलों का किया गया था निपटारा
साल 2021 के दौरान बड़े पैमाने पर मामलों का निपटारा किया गय. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (नाल्सा) की ओर से जारी डेटा के अनुसार देश में 4 राष्ट्रीय लोक अदालतों में 12787329 मामलों का निपटारा किया गया. ये मामले कई सालों से लंबित थे. बता दें कि लोक अदालतों में सुलह योग्य मामलों का निपटारा किया जाता है, ताकि लोगों को न्याय के लिए लोगों को और अधिक इंतजार नहीं करना पड़े. लोक अदालतों में काफी कम खर्च पर दोनों पक्षों के सहमति से मामलों का निपटारा किया जाता है.