राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एचयूटी आतंकी मॉड्यूल मामले में आरोपपत्र में 17 को किया नामित
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिज्ब-उत-ताहिर आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच के सिलसिले में अपनी चार्जशीट में 17 लोगों को नामित किया है. सभी आरोपी संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित थे. आतंकी संगठन का उद्देश्य हिंसक कृत्यों के माध्यम से भारत में शरीयत-आधारित इस्लामी राष्ट्र बनाना था. National Investigation Agency, Hizb-ut-Tahir, Hizb-ut-Tahir terrorist module.
नई दिल्ली: एनआईए ने हिज्ब-उत-तहरीर आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच के सिलसिले में अपनी चार्जशीट में 17 लोगों को नामित किया है. ये सभी संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित थे, जिसका उद्देश्य हिंसक कृत्यों के माध्यम से भारत में शरीयत आधारित इस्लामी राष्ट्र बनाना था.
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने मोहम्मद आलम, मिस्बाह उल हसन, मेहराज अली, खालिद हुसैन, सैयद सामी रिजवी, यासिर खान, सलमान अंसारी, सैयद दानिश अली, मोहम्मद शाहरुख, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद करीम, मोहम्मद अब्बास अली, मोहम्मद हमीद, मोहम्मद सलीम, अब्दुर रहमान, शेख जुनैद और मोहम्मद सलमान को चार्जशीट में नामित किया है.
मामला शुरू में 9 मई को भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और यूए (पी) अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर के रूप में दर्ज किया गया था. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि एचयूटी के सदस्य मध्य प्रदेश में गुप्त रूप से भर्ती कर रहे थे और अपने कैडर बना रहे थे. अधिकारी ने कहा कि 'आरोपी एचयूटी की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित थे, जिसका उद्देश्य हिंसक कृत्यों के माध्यम से भारत में शरीयत-आधारित इस्लामी राष्ट्र बनाना था.'
एक संगठन के रूप में उन्होंने पकड़े जाने से बचने के लिए अपनी गतिविधियों को गुप्त रखा और अपने समूह में समान विचारधारा वाले लोगों को जोड़ा और गुप्त रूप से प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए. उनकी तैयारियों में उनके समूह के सदस्यों को हथियार चलाने और कमांडो रणनीति का प्रशिक्षण देना शामिल था.
अधिकारी ने आगे कहा कि उनकी योजनाएं और रणनीतियां पुलिसकर्मियों पर हमले और विभिन्न समुदायों के व्यक्तियों को निशाना बनाने तक फैली हुई थीं. इस खतरनाक इरादे का उद्देश्य लोगों के बीच आतंक पैदा करने के स्पष्ट लक्ष्य के साथ भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालना था.