हैदराबाद :राष्ट्रीय खेल संस्थान का आज 60वां स्थापना दिवस है. आज ही के दिन 7 मई 1961 को इसका का उद्घाटन किया गया था. 1973 में संस्थान को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति में समर्पित किया गया और इसका नाम बदलकर 'नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान' रखा गया. इसके बाद 1987 में संस्थान को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के साथ मिला दिया गया. वर्तमान में इसे राष्ट्रीय खेल संस्थान के नाम से जाना जाता है.
स्थापना और उद्देश्य
जुलाई 1958 में भारत सरकार द्वारा एक तदर्थ जांच समिति का गठन किया गया था, जिसने देश में खेल के मानकों पर अध्ययन कर एक केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान बनाने का सुझाव दिया था. संस्थान में अलग-अलग खेलों के फर्स्ट क्लास कोच खिलाड़ियों को तैयार करते हैं. इस संदर्भ में कौल कपूर समिति ने अपने खेल संस्थानों का अध्ययन करने के लिए कुछ देशों का दौरा भी किया था.
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संस्थान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रशिक्षकों और उनके ज्ञान को बढ़ाने के साथ प्रशिक्षण की तर्ज पर ही खेल का विकास किया जाए. एनआईएस में प्रशिक्षण कोचों पर भारी-भरकम रकम खर्च की जाती है, जहां खिलाड़ियों को वैज्ञानिक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अलावा कोचिंग मानकों को बढ़ाने के साथ खेलों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरों का भी आयोजन किया जाता है.
पटियाला स्थित एनआईएस वर्तमान में एक अकादमी विंग होने के साथ भारतीय खेल प्राधिकरण की मुख्य अकादमी सेंटर भी है. संस्थान के तीन अकादमी उपकेंद्र हैं. इनमें SAI क्षेत्रीय केंद्र, SAI नेताजी सुभाष दक्षिणी केंद्र, बैंगलोर, SAI नेताजी सुभाष पूर्वी केंद्र, कोलकाता और एलएनसीपीई केंद्र तिरुवनंतपुरम में है. संस्थान इन तीनों केंद्रों पर कुछ नियमित और आवधिक खेल शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित करता है. इसके अलावा संस्थान अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए कुछ विशिष्ट खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षण देता है.
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हिमाचल प्रदेश के शिलारू में स्थित SAI हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग सेंटर (HATC) से भी संस्थान को सुविधाएं मिलती हैं. संस्थान, SAI स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर, पटियाला और SAI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, पटियाला के सैटेलाइट प्रशिक्षण केंद्रों का प्रबंधन करके आगामी और होनहार खिलाड़ियों के प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाता है. इसके अलावा यह युवाओं को प्रशिक्षण के लिए SAI 'पे एंड प्ले' और 'कम एंड प्ले' योजनाएं भी लागू करता है, जहां स्कूली छात्रों को कम फीस पर प्रशिक्षण दिया जाता है.
24 खेलों का प्रशिक्षण
यहां तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, मुक्केबाजी, तलवारबाजी, फुटबॉल और जिमनास्टिक, हैंडबाल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, खो-खो, तैराकी, ताईक्वांडो, टेबल टैनिस, टैनिस, वॉलीबॉल, वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग, वुशु, योग, कॉन्किंग और कया किंग और रोइंग जैसे 24 खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है.
वहीं, देश में खेले जाने वाले सभी खेलों के लिए एक मजबूत ढांचे का निर्माण करके खेल संस्कृति को जमीनी स्तर पर पुनर्जीवित करने के लिए 'खेलों इंडिया कार्यकम' की भी शुरूआत की गई है.