नई दिल्ली : राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य देश की आधी आबादी को भी समान अधिकार दिलाने का है, कुरूतियों को मिटाने का है और उन्हें शिक्षित करने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने का है. लड़कियों को समान अधिकार, उनको सहयोग देना और सुविधाओं को मुहैया कराना है. भारत में लड़कियों और लड़कों में भेदभाव के प्रति जागरूक करना भी इस दिन को मनाने का मकसद है. आज देश भर में बालिका दिवस मनाया जा रहा है. कई राज्यों में इस अवसर कई प्रकार के कार्यक्रम और बालिका सम्मान के विकास में नये कदम उठाये जा रहे हैं.
उत्तराखंड में एक दिन की सीएम बनीं सृष्टि
24 जनवरी यानी आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है. बालिका दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के इतिहास को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा, जिसके साथ ही नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. खासकर उत्तराखंड की सृष्टि गोस्वामी के लिए बाल दिवस खास होने वाला है. प्रदेश में बालिका दिवस के मौके पर सृष्टि गोस्वामी को एक दिन के लिए बाल मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. उत्तराखंड बाल विधानसभा की बाल मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी विधानसभा में प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक लेंगी. इसके साथ ही इस मौके पर विभागों के अधिकारी विभिन्न योजनाओं पर पांच पांच मिनट का प्रेजेंटेशन भी देंगे.
उत्तराखंड में हुए विकास कार्यों की समीक्षा करेंगीं सृष्टि
24 जनवरी यानी आज विधानसभा के कक्ष नंबर 120 में बाल विधानसभा आयोजित की जाएगी. सृष्टि गोस्वामी दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक विधानसभा में बाल मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के रूप में कार्यों की समीक्षा करेंगी. जिसमें एक दर्जन विभाग अपनी प्रस्तुति देंगे. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से सृष्टि को यह अवसर दिया गया है. साथ ही इस बाबत उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इस मामले में मुख्य सचिव ओमप्रकाश को एक पत्र भी प्रेषित किया. बतौर मुख्यमंत्री की भूमिका में सृष्टि उत्तराखंड में हुए विकास कार्यों की समीक्षा करेंगी. साथ ही इस मौके पर विभागों के अधिकारी विभिन्न योजनाओं पर पांच मिनट का प्रेजेंटेशन भी देंगे.