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भविष्य में ऊर्जा संकट से बचने के लिए जागरूकता जरूरी, जानें आज का दिन क्यों है खास - non renewable energy

भविष्य की ऊर्जा चुनौतियों से निपटने के लिए 14 दिसंबर को भारत में जहां राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है, वहीं वैश्विक पैमाने पर इस दिवस को विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर.. National Energy Conservation Day, World Energy Conservation Day, National Energy Efficiency Innovation Awards, National Energy Conservation Awards NECA.

National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 13, 2023, 7:56 PM IST

हैदराबाद : गैर-नवीकरणीय ऊर्जा श्रोतों के सीमित भंडार के बावजूद उस पर हमारी निर्भरता काफी ज्यादा है. इसके अलावा जागरूकता के आभाव व अन्य कारणों से बड़े पैमाने पर ऊर्जा की बरबादी होती है. इसी को ध्यान में रखकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को नवीकरणीय ऊर्जा श्रोत अपनाने और ऊर्जा की बर्बादी रोकने के लिए 14 दिसंबर को विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस के साथ-साथ भारत में राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का आयोजन 1991 से जारी है.

वैश्विक पैमाने पर होता है आयोजन
दुनिया भर के 150 देशों के 5200 शहर और लाखों लोग ऊर्जा संरक्षण, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु की सार्वभौमिक पहल का जश्न मनाएंगे. यह दिवस बड़े पैमाने पर गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से संसाधनों को ऊर्जा उत्पादन की ओर निर्देशित करने में निर्णय निर्माताओं का ध्यान केंद्रित करने का कार्य करता है.

भारत में आज भी एनर्जी लॉस बड़ी समस्या
देश-दुनिया में ऊर्जा की खपत में हर साल बढ़ोतरी हो रही है. खपत बढ़ने के साथ-साथ एनर्जी लॉस (ऊर्जा की हानि) में भी बड़े पैमाने पर हो रहा है. इसका तात्पर्य यह है कि उपभोग से पहले ट्रांसमिशन लाइन में ऊर्जा की हानि, उर्जा की चोरी, पुराने और परंपरागत उपकरण और ट्रांसमिशन लाइन के कारण सामान्य से ज्यादा ऊर्जा की खपत होना है. इससे लक्षित ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में परेशानी, लागत मूल्य बढ़ना सहित कई प्रकार से उपभोक्ता व ऊर्जा प्रबंधन करने वाली एजेंसियों व सरकारों के लिए बड़ी चुनौती है.

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर दिये जायेंगे पुरस्कार
1991 में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने उर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार देने की योजना को शुरू की. इस दौरान उर्जा संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन आइडिया को लागू करने वाले वैसे उद्योगों और प्रतिष्ठानों को पुरस्कृत किया जाता है, जिन्होंने अपने प्रोडक्शन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को पहले की अपेक्षा कम करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं. पहली बार यह पुरस्कार 14 दिसंबर, 1991 को दिए गए थे. साथ ही इस दिन को 'राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस' घोषित किया गया था.

राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण दिवस 2023 का मुख्य समारोह का आयोजन दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगा. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कृत करेंगी. उर्जा संरक्षण पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को भी राष्ट्रपति पुरस्कृत करेंगी.

भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के नियमों के तहत 1 मार्च 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency-बीईई) स्थापित किया गया. ऊर्जा दक्षता ब्यूरो देश में उर्जा के बेहतर उपयोग के लिए आधुनिक मानकों पर आधारित इलेक्ट्रिकल उपकरण को बढ़ावा देता है. इसके तहत जहां नीतिगत फैसले लिए जाते हैं. वहीं उर्जा संरक्षण के उपायों के लिए लगातार जागरूकता अभियान सहित कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.

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