हैदराबाद : मानव के विकास में सबसे महत्वपूर्ण कारक शिक्षा है. आजादी के बाद भारत की शिक्षा व्यवस्था के निर्माण में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. खासतौर से बेहतर शिक्षा और उसके लिए जरूरी शैक्षणिक नीति और विश्व स्तरीय अकादमिक संस्थानों की स्थापना में उनका योगदान महत्वपूर्ण है. आज भारत की शिक्षा व्यवस्था को आधार देने वाले मौलाना की जयंती है. मौलाना आजाद के जन्मदिन को हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है.
शिक्षा क्या है, इस बारे में विद्वानों के अलग-अलग मत है. सामान्य भाषा में कहें तो शिक्षा व्यक्तियों को ज्ञान से सशक्त बनाने की प्रक्रिया है. यह विभिन्न तरीकों से सीखने को विकसित करने की प्रक्रिया है. शिक्षकों से सीखने के लिए औपचारिक स्कूल जाना शिक्षा के सबसे सामान्य रूपों में से एक है. लेकिन शिक्षा का मतलब सिर्फ स्कूल जाना नहीं है.
बड़े संदर्भ में शिक्षा खोज और नवाचार को प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया है. जब से हम पैदा हुए हैं, लोग सीखते आ रहे हैं. कभी-कभी यह सयास होता है कभी-कभी यह अनजाने में. शिक्षा सीखने, समझने की एक समग्र वैज्ञानिक प्रक्रिया है मूल्य, क्षमताएं, आदतें और दृढ़ विश्वास है.
मौलाना अबुल आजाद कलाम कौन थे?
- मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था.
- उनका पूरा नाम मौलाना सैयद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन बिन खैरूद्दीन अल-हुसैनी आजाद था.
- वह एक विद्वान, राजनीतिक और कार्यकर्ता और तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के नेता थे. वे ग्यारह साल तक शिक्षा मंत्री रहे.
- वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे. 1947 से 1958 तक वे पंडित जवाहर लाल नेहरू के मंत्रीमंडल में रहे.
- भारत में आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान, यूजीसी जैसे संस्थानों की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के संस्थापक भी थे.
- आजाद एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने खिलाफत आंदोलन की स्थापना की और असहयोग को संगठित करने में मदद की.
- 1912 में उन्होंने अल-हिलाल' नामक एक साप्ताहिक उर्दू अखबार शुरू किया था.
- मौलाना आजाद, गांधी दर्शन को मानते थे. वह 1923 से 1940 तक और फिर 1940 से 1945 तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहे.
- मौलाना ने कई रचनाएं लिखीं, जिनमें इंडिया विंस फ्रीडम और गुबार-ए-खातिर शामिल हैं.
- मौलाना आजाद अंग्रेजी, उर्दू, फारसी, अरबी और हिंदी के जानकार थे.
- दिल का दौरा पड़ने से 22 फरवरी 1958 को उनका निधन हो गया.
- 11 सितम्बर 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने घोषणा की गई. इसी दिन 11 नवम्बर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.
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उनके कार्यकाल में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी और ललित कला अकादमी सहित कई शिक्षैणिक और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया.
शिक्षा समाज को बेहतरी के लिए बदलने में मदद करती है
- ज्ञान प्रदान करें
- अपराध के विरुद्ध सुरक्षा
- महिला सशक्तिकरण
- गरीबी हटाना
- युद्ध और अपराध को रोकना
- कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना
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किसी देश के समग्र विकास में मदद करता है
भारत में वर्तमान शिक्षा की स्थिति
आंकड़ों पर नजर में:भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली में 15 लाख स्कूल, 26.5 करोड़ छात्र और 95 लाख शिक्षक शामिल हैं. उच्च शिक्षा स्तर पर, लगभग 43,796 कॉलेज, 1,113 विश्वविद्यालय और 11,296 स्टैंड-अलोन संस्थान, 15.5 लाख संकाय सदस्य और 4.14 करोड़ छात्र हैं.