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भारत में शिक्षा के विकास में अबुल कलाम आजाद का है महत्वपूर्ण योगदान, जानें आज का दिन क्यों है खास

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 11, 2023, 12:27 PM IST

Updated : Nov 11, 2023, 1:57 PM IST

आजादी के बाद देश में शिक्षा और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करना बड़ी चुनौती थी. आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने इस चुनौती को स्वीकार किया और इस क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बेहतर विकास किया. पढे़ं पूरी खबर..Maulana Abul Kalam Azad, National Education Day 2023, National Education Day In Hindi.

National Education Day 2023
मौलाना अबुल कलाम

हैदराबाद : मानव के विकास में सबसे महत्वपूर्ण कारक शिक्षा है. आजादी के बाद भारत की शिक्षा व्यवस्था के निर्माण में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. खासतौर से बेहतर शिक्षा और उसके लिए जरूरी शैक्षणिक नीति और विश्व स्तरीय अकादमिक संस्थानों की स्थापना में उनका योगदान महत्वपूर्ण है. आज भारत की शिक्षा व्यवस्था को आधार देने वाले मौलाना की जयंती है. मौलाना आजाद के जन्मदिन को हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

शिक्षा क्या है, इस बारे में विद्वानों के अलग-अलग मत है. सामान्य भाषा में कहें तो शिक्षा व्यक्तियों को ज्ञान से सशक्त बनाने की प्रक्रिया है. यह विभिन्न तरीकों से सीखने को विकसित करने की प्रक्रिया है. शिक्षकों से सीखने के लिए औपचारिक स्कूल जाना शिक्षा के सबसे सामान्य रूपों में से एक है. लेकिन शिक्षा का मतलब सिर्फ स्कूल जाना नहीं है.

बड़े संदर्भ में शिक्षा खोज और नवाचार को प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया है. जब से हम पैदा हुए हैं, लोग सीखते आ रहे हैं. कभी-कभी यह सयास होता है कभी-कभी यह अनजाने में. शिक्षा सीखने, समझने की एक समग्र वैज्ञानिक प्रक्रिया है मूल्य, क्षमताएं, आदतें और दृढ़ विश्वास है.

मौलाना अबुल आजाद कलाम कौन थे?

  1. मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था.
  2. उनका पूरा नाम मौलाना सैयद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन बिन खैरूद्दीन अल-हुसैनी आजाद था.
  3. वह एक विद्वान, राजनीतिक और कार्यकर्ता और तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के नेता थे. वे ग्यारह साल तक शिक्षा मंत्री रहे.
  4. वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे. 1947 से 1958 तक वे पंडित जवाहर लाल नेहरू के मंत्रीमंडल में रहे.
  5. भारत में आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान, यूजीसी जैसे संस्थानों की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के संस्थापक भी थे.
  6. आजाद एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने खिलाफत आंदोलन की स्थापना की और असहयोग को संगठित करने में मदद की.
  7. 1912 में उन्होंने अल-हिलाल' नामक एक साप्ताहिक उर्दू अखबार शुरू किया था.
  8. मौलाना आजाद, गांधी दर्शन को मानते थे. वह 1923 से 1940 तक और फिर 1940 से 1945 तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहे.
  9. मौलाना ने कई रचनाएं लिखीं, जिनमें इंडिया विंस फ्रीडम और गुबार-ए-खातिर शामिल हैं.
  10. मौलाना आजाद अंग्रेजी, उर्दू, फारसी, अरबी और हिंदी के जानकार थे.
  11. दिल का दौरा पड़ने से 22 फरवरी 1958 को उनका निधन हो गया.
  12. 11 सितम्बर 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने घोषणा की गई. इसी दिन 11 नवम्बर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.
  13. उनके कार्यकाल में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी और ललित कला अकादमी सहित कई शिक्षैणिक और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया.

शिक्षा समाज को बेहतरी के लिए बदलने में मदद करती है

  1. ज्ञान प्रदान करें
  2. अपराध के विरुद्ध सुरक्षा
  3. महिला सशक्तिकरण
  4. गरीबी हटाना
  5. युद्ध और अपराध को रोकना
  6. कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना
  7. किसी देश के समग्र विकास में मदद करता है

भारत में वर्तमान शिक्षा की स्थिति

आंकड़ों पर नजर में:भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली में 15 लाख स्कूल, 26.5 करोड़ छात्र और 95 लाख शिक्षक शामिल हैं. उच्च शिक्षा स्तर पर, लगभग 43,796 कॉलेज, 1,113 विश्वविद्यालय और 11,296 स्टैंड-अलोन संस्थान, 15.5 लाख संकाय सदस्य और 4.14 करोड़ छात्र हैं.

साक्षरता दर:2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में साक्षरता दर 2001 की तुलना में 14% की वृद्धि के साथ 74.04% बताई गई है, जबकि पिछले दशक में ग्रामीण महिलाओं के लिए 26% की वृद्धि अधिकतम है, जिसका श्रेय साक्षरता को दिया जा सकता है. भारत सरकार का मिशन. साक्षरता दर 2011 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता स्तर 65.46% है जबकि पुरुष साक्षरता दर 80% से अधिक है.

सबसे अधिक साक्षरता : भारत में सबसे अधिक साक्षर राज्य केरल है, और अन्य शीर्ष स्थान पर दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु हैं.

नामांकन सांख्यिकी :प्राथमिक का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 2018-19 में 101.3% था जो 2021-22 में बढ़कर 104.8% हो गया. 2021-22 में उच्च प्राथमिक के लिए GER 94.7% है. 2018-19 में यह 87.74% था. सेकेंडरी के लिए GER 2018-19 में 76.9% से बढ़कर 2021-22 में 79.6% तक पहुंच गया है. उच्च माध्यमिक स्तर पर जीईआर में भी सुधार देखा गया है क्योंकि यह 2018-19 में 50.14 से बढ़कर 2021-22 में 57.6% तक पहुंच गया, जो महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है.

शिक्षकों की संख्या:2020-21 की तुलना में 2021-22 में शिक्षकों की कुल संख्या में 1.95% की गिरावट आई है.

ड्रॉप-आउट दरें: UDISE+ 2021-22 डेटा से पता चलता है कि भारत में स्कूलों में कुल ड्रॉपआउट दर 1.5% है, जो पिछले वर्ष की दर 1.8% से कम है. माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की औसत दर 12.6% है. शिक्षा पर खर्च बढ़ाने की जरूरत: जबकि शिक्षा पर कुल सार्वजनिक खर्च के रूप में सकल घरेलू उत्पाद का छह प्रतिशत (केंद्र और राज्य संयुक्त) की मांग है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 सहित प्रत्येक नीति दस्तावेज में दोहराया गया है. शिक्षा मंत्री का योगदान सकल घरेलू उत्पाद के 0.37 प्रतिशत के बराबर है. शिक्षा पर केंद्र सरकार का व्यय केंद्रीय बजट का 2.7% है.

भारत में शिक्षा का भविष्य: एडटेक समाधानों को अपनाना: हाल के वर्षों में, भारत ने एडटेक समाधानों के आगमन के साथ शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा है. कोविड-19 महामारी ने इस बदलाव को तेज कर दिया है, और स्कूल अब डिजिटल लर्निंग और एआई-आधारित लर्निंग टूल को तेजी से अपना रहे हैं.

मौलाना अबुल आजाद कलाम के नाम पर संस्थान

  1. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
  2. मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल
  3. मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद
  4. मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोलकाता
  5. केंद्रीय (अल्पसंख्यक) विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
  6. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मौलाना आजाद पुस्तकालय है जो एशिया के किसी भी विवि का सबसे बड़ा पुस्तकालय है
  7. मौलाना आजाद स्टेडियम,जम्मू

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Last Updated : Nov 11, 2023, 1:57 PM IST

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