दिल्ली

delhi

National Convention of Congress: छत्तीसगढ़ के राज्यगीत से होगी कांग्रेस अधिवेशन की शुरुआत, ये कार्यक्रम होंगे पेश !

By

Published : Feb 22, 2023, 10:46 PM IST

Updated : Feb 23, 2023, 12:20 AM IST

brainstorming on the policies of the country कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन कई मायनों में खास होने वाला है. इसमें जहां देश की नीतियों पर मंथन होगा तो वहीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भारत के नव निर्माण की झलकियां देखने को मिलेंगी. देशभर से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी से साथ रायपुर में भी महौल बनने लगा है.

National Convention of Congress
छत्तीसगढ़ के राज्यगीत से होगी शुरुआत

कांग्रेस अधिवेशन में कौन से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे पेश

रायपुर:छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है. तीन दिनों तक चलने वाले अधिवेशन में देशभर के छोटे से बड़े और दिग्गज कांग्रेसी नेता शामिल होंगे, लेकिन खास बात यह है कि यहां होने वाले अधिवेशन की शुरुआत छत्तीसगढ़ की राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार...' से होगी. वहीं मंगल पांडे से लेकर गांधी तक और भारत के नव निर्माण तक की झलकियां नृत्य और संगीत के माध्यम से प्रस्तुत की जाएंगी. इस अधिवेशन में और क्या क्या खास रहेगा. इसे लेकर ईटीवी भारत के रिपोर्टर राजेश निषाद ने पर्यटन मंडल के अध्यक्ष और अधिवेशन में संस्कृति समिति की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे अटल श्रीवास्तव से खास बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.

Congress Adhiveshan in CG: कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में लगेगा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का तड़का, चीला और फरा भी चखेंगे मेहमान


सवाल: कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होने वाला है. किस तरह की तैयारियां हैं?
जवाब: देखिए 3 दिन का का कांग्रेस का महाधिवेशन यहां हो रहा है. जिसकी संपूर्ण तैयारियां यहां की जा रही है. लगभग 12 से 14 हजार कांग्रेस के पूरे देश के लोग यहां पहुंचेंगे. उनके रहने की, खाने की और पंडाल की, सभी व्यवस्थाएं हो गई हैं. अलग-अलग समितियों की बैठक होंगी, जिसमें समितियों की बैठकों के साथ बहुत सारे प्रस्ताव पारित होंगे. चाहे वह शिक्षा नीति हो, चाहे युवाओं के रोजगार की नीति को लेकर के हो, आर्थिक नीति को लेकर के हो. कभी भी कोई अधिवेशन होता है, उस समय एक सांस्कृतिक संध्या होती है. इसी के तहत 25 तारीख को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है.

इसमें हम पहले पूरे देश के एक एक जो हमारे नृत्य हैं, उनके माध्यम से लोक कला के माध्यम से, एक नृत्य प्रस्तुत करेंगे. फिर कांग्रेस का जो गौरवशाली इतिहास रहा है आजादी का उस पर, मंगल से महात्मा तक नाम का एक 50 मिनट का प्ले पेश करेंगे. अंतिम में छत्तीसगढ़ की लोक कला और संस्कृति का एक शो है, जिसमें पंथी नृत्य और करमा नृत्य के माध्यम से हम अपनी छत्तीसगढ़ की लोक कला की प्रदर्शनी करेंगे. कहीं ना कहीं हमारा उद्देश्य है कि जो इंद्रधनुषी भारत देश है, जहां पर विभिन्न संस्कृति, विभिन्न भाषाएं, विभिन्न धर्म के लोग जिस तरीके से एक साथ उत्सव मनाते हैं. नृत्य के माध्यम से, उसकी एक प्रस्तुति रहेगी.


सवाल: ये कलाकार केवल प्रदेश के रहेंगे या अन्य राज्यों से भी आ रहे हैं?
जवाब: ये सभी कलाकार प्रदेश के हैं. सबसे पहले खैरागढ़ विश्वविद्यालय के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति होगी. उसके बाद बिलासपुर के नाट्य दल, जो मंगल पांडे से महात्मा और भारत के नवनिर्माण पर आधारित प्ले करेगा. उसके बाद पंथी नृत्य में हमारे बारले जी, जिन्हें पद्मश्री मिला हुआ है, उनके माध्यम से पंथी नृत्य और करमा नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी.



सवाल: राज्य सरकार ने किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत से पहले राजकीय गीत का आदेश दिया. क्या इस अधिवेशन में राजकीय गीत से कार्यक्रम की शुरुआत होगी?
जवाब: जी हां, देखिए छत्तीसगढ़ की अस्मिता और स्वाभिमान में जिस तरीके से एक अभूतपूर्व एहसास लोगों को महसूस हुआ है. उसको इस अधिवेशन में दिखाया जाएगा. छत्तीसगढ़ की लोक कला और छत्तीसगढ़ की संस्कृति, छत्तीसगढ़ की भाषा, छत्तीसगढ़ का खानपान तो यह कहीं ना कहीं 4 सालों में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा सभी के दिमाग में चला है. उसका पहला गाना डॉक्टर नरेंद्र वर्मा जी के द्वारा राज्य की ओर से घोषित किया गया है. उससे ही शुरुआत होगी. वह है अरपा पैरी के धार से और उसमें ही कुछ नृत्य फॉर्म भी होंगे जो हमारी लोक कला संस्कृति को बताएंगे.

Last Updated : Feb 23, 2023, 12:20 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details