नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी)के तहत वर्ष 2026 तक वायुमंडल में प्रदूषणकारी कणों (पार्टिकुलेट मैटर या पीएम) के स्तर में 40 प्रतिशत तक कमी लाने का नया लक्ष्य तय किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने इससे पहले वर्ष 2024 तक वायुमंडल से इन कणों के प्रदूषण को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा था.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक एनसीएपी के तहत लक्ष्य प्राप्ति से दूर या नॉन-अटैनमेंट वाले 132 शहरों में से 95 में पीएम-10 के स्तर में वर्ष 2017 के मुकाबले 2021 में कुल मिलाकर सुधार देखने को मिला. एनसीएपी के तहत आने वाले ये 132 शहर लगातार पांच साल (वर्ष 2011 से 2015 तक) तय राष्ट्रीय मानक को प्राप्त करने में असफल रहे इसलिए इन्हें नॉन-अटैनमेंट की श्रेणी में रखा गया है.
मंत्रालय के मुताबिक चेन्नई, मदुरै और नासिक सहित 20 शहरों में वायु में पीएम-10 का स्तर राष्ट्रीय मानक (60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर)के अनुरूप है. वहीं, पीएम-2.5 का वार्षिक स्वीकार्य मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. पीएम-2.5 बहुत बारीक कण होते हें जिनका व्यास आमतौर पर 2.5 माइक्रोमीटर या इससे कम होता है और सांस के जरिये शरीर में जाने की वजह से ये खतरा उत्पन्न करते हैं.