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दुनिया के 100 देशों में आयुर्वेद की ली जा रहीं सेवाएं, जानें आज क्यों हो रही है इसकी चर्चा

भारत से निकलकर आयुर्वेद आज के समय में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच चुका है. देश के कई आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थानों में उपचार के लिए बड़ी संख्या में विदेशी लोग आते हैं. इस प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर और अधिक स्वीकार्य बनाने के उद्देश्य से इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..National Ayurveda Day, National Ayurveda Day Date, National Ayurveda Day History.

National Ayurveda Day 2023
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2023

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 10, 2023, 12:02 AM IST

Updated : Nov 10, 2023, 6:58 PM IST

हैदराबाद :आयुर्वेद उपचार की परंपरागत व प्राचीन विधि है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार के लिए हर साल राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. 2023 में 8वां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के नेतृत्व में इस साल 100 देशों में आज के दिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी के विजन पर इस आयोजन में सभी मंत्रालय की ओर से सहयोग किया जा रहा है.

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2023 के लिए थीम 'सबकों लिए आयुर्वेद' (Ayurveda for One Health) रखा गया है. वहीं टैग लाइन 'हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद' ('Ayurveda For Everyone On Every Day') तय किया गया है. थीम और टैग में संदेश है कि धरती पर मौजूद सभी जीवों के हेल्थ को ध्यान में रखते हुए प्रकृति के छेड़-छाड़ किये बिना, प्रकृति की मदद से उपचार करना है.

धन्वंतरि जयंती के दिन मनाया जाता है राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस धन्वंतरि जयंती के दिन मनाया जाता है, जो पंचांग के अनुसार धनतेरस का दिन होता है. यह दिवस आयुर्वेद को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन आयुर्वेद और इसके लाभों के बारे में प्रचार-प्रसार किया जाता है. इस अवसर पर मुफ्त स्वास्थ्य शिविर, सेमिनार और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है.

आयुर्वेद को लेकर मान्यता
आयुर्वेद चिकित्सा की एक पारंपरिक प्रणाली है. इसकी उत्पत्ति भारत में 5000 साल पहले माना जाता है. यह इस विश्वास पर आधारित है कि मानव शरीर ब्रह्मांड का एक सूक्ष्म जगत है. स्वास्थ्य तब प्राप्त होता है, जब शरीर प्रकृति के साथ संतुलन में होता है. आयुर्वेद स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए हर्बल चिकित्सा, मालिश, योग और आहार सहित विभिन्न माध्यमों का सहारा लिया जाता है.

आयुर्वेद स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है जो कल्याण के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को ध्यान में रखता है. यह निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित है.

  1. मानव शरीर तीन दोषों से बना है: पित्त, वात और कफ. प्रत्येक दोष शारीरिक और भावनात्मक विशेषताओं के एक अलग समूह से जुड़ा होता है.
  2. जब सभी दोष संतुलित होते हैं तो स्वास्थ्य बेहतर होता है.
  3. रोग दोषों के असंतुलन के कारण पैदा होता है.
  4. आयुर्वेद उपचार दोषों में संतुलन बहाल कर स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए हेल्थ डिजाइन हैं.

आयुर्वेद के लाभ:
आयुर्वेद का उपयोग कई प्रकार की स्थितियों के इलाज के लिए किया जा सकता है. मुख्य रूप से पाचन समस्याएं, श्वसन समस्याएं, त्वचा समस्याएं, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और पुरानी बीमारियां के इलाज के लिए किया जाता है. आयुर्वेद उपचार में प्रकृति से जुड़ाव होता है. रोगों की रोकथाम, तनाव से मुक्ति, पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.

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Last Updated : Nov 10, 2023, 6:58 PM IST

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