नई दिल्ली:राष्ट्रपितामहात्मा गांधी की आज 75वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें नमन किया और राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि दी. राजघाट में बापू की समाधि पर सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया है. राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें नमन करता है. इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व अन्य गणमान्यों ने श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं बापू को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करता हूं और उनके विचारों को याद करता हूं. मैं उन सभी लोगों को भी श्रद्धांजलि देता हूं जो हमारे राष्ट्र की सेवा में शहीद हुए हैं. उनके बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जाएगा और विकसित भारत के लिए काम करने के हमारे संकल्प को मजबूत करते रहेंगे.'
बता दें कि बापू का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था. साल 1915 में ही महात्मा गांधी ने गुजरात के अहमदाबाद में सत्याग्रह आश्रम की नींव रखी. इसके बाद बापू ने देश की आजादी के लिए नमक, असहयोग, अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन चलाया. उनकी दांडी यात्रा तो आज भी मिसाल की तरह पेश की जाती है. अपने सभी आंदोलनों में महात्मा गांधी ने अहिंसा का परिचय दिया. उनके विचारों में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं था और वे हमेशा हिंसा के खिलाफ थे. उनके विचारों और आंदोलनों के जरिए किए गए प्रयासों के कारण ही भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ.
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नाथूराम गोडसे ने की थी हत्या :30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर की हत्या कर दी. बापू को तीन गोलियां मारी गईं थी, जिसके बाद उनकी अंतिम सांस से पहले उनके आखिरी शब्द 'हे राम' थे. जिस समय ये घटना घटी वो एक प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने जा रहे थे. तभी उन पर गोलियों से हमला किया गया. उनकी हत्या करने के लिए नाथूराम गोडसे और हिंदू महासभा के सदस्य नारायण आप्टे को अंबाला जेल में 15 नवंबर 1949 में फांसी दे दी गई.