नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के दौरान खराब वायु गुणवत्ता वाले क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण रोक लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश में हस्तक्षेप से साफ साफ अस्वीकार कर दिया.
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य पर पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में जानने के लिए वैज्ञानिक अध्ययनों की आवश्यकता नहीं है. न्यायालय ने यह टिप्पणी तब की जब एक पटाखा विक्रेता की ओर से पेश वकील ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर की उस अध्ययन रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि पटाखे वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार शीर्ष 15 कारकों में शामिल नहीं हैं.
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