अहमदाबाद : गुजरात राज्य में नट समुदाय का शराब छुड़ाने के लिए यह अनोखा प्रयोग कर रहा है. जिसमें शराब के नशे में धुत्त व्यक्ति को पिंजरे में कैद कर दिया जाता है और जुर्माने के तौर पर 500 रूपये वसूले जाते हैं. समुदाय का यह दावा है कि इस कदम से लाभ मिल रहा है और लोग शराब पीना बंद कर रहे हैं. इस सजा के डर से अधिक से अधिक सदस्य शराब के सेवन से दूर हो रहे हैं.
गांव के सरपंच बाबू नायक ने कहा कि अहमदाबाद जिले के मोतीपुरा गांव में नट समुदाय ने 2019 में रात में शराब के नशे में पकड़े गए लोगों को कैद करने और उन पर 1200 रुपये का जुर्माना लगाने के लिए एक अस्थायी पिंजरा तैयार करने का विचार रखा था. हालांकि गुजरात में शराबबंदी लेकिन लोग कहीं न कहीं से व्यवस्था कर लेते हैं.
नट समुदाय के लोगों की मानें तो समुदाय में शराब की खपत का खतरा अधिक है इसलिए यह प्रयोग जल्द ही 24 गांवों में दोहराया जाने लगा. जिनमें समुदाय के सदस्यों की एक बड़ी संख्या रहती है. उन्होंने कहा कि 2017 में हमने पहली बार फैसला किया शराबियों पर 1200 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. लेकिन समुदाय के सदस्यों को बाद में एहसास हुआ कि यह पर्याप्त नहीं है इसलिए ऐसे लोगों को एक रात के लिए पिंजरे में बंद करने का नियम बनाया गया.
ग्रामीणों ने एक अस्थायी पिंजरा स्थापित किया है जहां गलती करने वाले सदस्यों को एक रात बितानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को केवल पानी की एक बोतल और खुद को राहत देने के लिए एक कंटेनर दिया जाता है. नायक ने कहा कि यह प्रयोग प्रभावी साबित हुआ है. हर साल कई लोग पकड़े जा रहे हैं. इसके अलावा घरेलू हिंसा की घटनाओं में भी कमी आई है.