भीलवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भीलवाड़ा के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंनो गुर्जर समाज के लोक देवता भगवान देवनारायण के दर्शन किए. उन्होंने भीलवाड़ा में मालासेरी डूंगरी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद जनसभा को संबोधित किया. पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं भगवान देवनारायण और जनता के दर्शन कर धन्य हो गया. मोदी ने कहा कि भगवान का बुलावा आए और कोई नहीं आए ऐसा नहीं हो सकता.
मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भगवान देवनारायण का बुलावा आया और मैं दर्शन करने चला आया. उन्होंने कहा कि मैं यहां भगवान से देश और जनता के लिए खुशहाली की मांग करने आया हूं. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं गुर्जर समाज को बधाई देता हूं. समाज के प्रत्येक व्यक्ति की प्रयास की सराहना करता हूं.
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आपका और हमारा गहरा नाता है- उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपका और हमारा गहरा नाता है. भगवान देवनारायण का जन्म कमल पर हुआ है और हमारी तो पैदाइश ही कमल से है. उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि देवनारायण के जन्म का 1111वां वर्ष और भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली है. जी-20 के लोगो में दुनिया को कमल पर बैठाया है.
राजस्थान परोपकार की धरती- मोदी ने कहा कि राजस्थान धरोहरों की धरती है. यहां सृजन, उत्साह और उत्सव है, परिश्रम और परोपकार है. शौर्य यहां घर-घर का संस्कार है. रग और राग राजस्थान के पर्याय हैं. इतना ही महत्व यहां के जन-जन के संघर्ष और संयम का भी है. इस दौरान उन्होंने राजस्थान का गुणगान किया. क्रांतिवीर भूपसिंह गुर्जर जिन्हें विजय सिंह पथिक के नाम से भी जाना जाता है, उनके नेतृत्व में बिजौलिया का किसान आंदोलन आजादी की लड़ाई में एक बड़ी प्रेरणा रहा था.
समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया- भगवान देवनारायण ने मात्र 31 वर्ष की उम्र में ही अमर हो जाना बड़े अवतार पुरुष के लिए ही सक्षम है. भगवान देवनारायण ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया. यही कारण है कि समाज में उनका स्थान परिवार के मुखिया के रूप में है, जिनके साथ सभी लोग अपने सुख दुख बांटते हैं. अपनी ऊर्जा का उपयोग उन्होंने लोक कल्याण के लिए किया.
भारत की तारीफ-पीएम मोदी ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत को भी भौगेलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास किए गए, लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता की, संस्कृति की, सद्भावना की, संभावना की एक अभिव्यक्ति है. दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं, परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं.
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भारत सबके साथ सबके विकास के रास्ते पर चल रहा- मोदी ने कहा कि बीते 8-9 वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित रहा है, वंचित रहा है. भगवान देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया है, वो सबके साथ से सबके विकास का है. आज देश इसी रास्ते पर चल रहा है.
गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें- उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैंने लाल किले से पंच प्राणों पर चलने का आग्रह किया था. उद्देश्य यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के लिए अपने कर्तव्यों के याद रखें. उन्होंने कहा कि आज का भारत, 'नया भारत' बीते दशकों में हुई भूलों को सुधार रहा है. भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उनको सामने लाया जा रहा है. पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उमीदों से देख रही है.