अहमदाबाद :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के लिए आज (7 अक्टूबर 2022) का दिन काफी अहम रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 साल पहले 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने पहली बार गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इसके साथ ही वे वर्ष 2001, 2002, 2007 और 2012 में 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. मुख्यमंत्री के रूप में उनका सबसे लंबा कार्यकाल रहा.
पहली बार सीएम बनने के बाद हस्ताक्षर करते नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी की दिलचस्प बात यह है कि वह पहले विधायक बने और फिर मुख्यमंत्री बने. 8 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल होने के बाद नरेंद्र मोदी ने साल 1985 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के साथ ही कई पदों पर काम किया. गुजरात में 13 साल तक मुख्यमंत्री का दायित्व निभाने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार साल 2014 में सांसद चुने जाने के साथ ही प्रधानमंत्री चुने गए.
पहली बार सीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी तत्कालीन राज्यपाल के साथ इस दौरान नरेंद्र मोदी 1988 से 1995 तक एक कुशल रणनीतिकार के रूप में उभरे. उन्होंने गुजरात बीजेपी को राज्य में सत्ताधारी पार्टी बनाने के लिए नींव का काम किया. मोदी ने अक्टूबर 2001 में राज्य का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद और मुख्यमंत्री के रूप में 2001 में ही राज्य में आए विनाशकारी भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्निर्माण और पुनर्वास की सबसे बड़ी चुनौती थी.
नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य के विकास को एक नई गति दी. नतीजतन, भाजपा सरकार ने दिसंबर 2002 के चुनावों में 182 में से 128 सीटों पर भारी बहुमत से जीत हासिल की. इसके साथ ही उनकी सरकार दोबारा चुनी गई. फिर 22 दिसंबर 2002 को उन्होंने दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
कई बाधाओं के बावजूद नरेंद्र मोदी ने तय किया कि नर्मदा बांध 121.9 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाएगी. इतना ही नहीं उन्होंने निर्माण में बाधा डालने वालों के खिलाफ अनशन भी किया. वहीं गुजरात में जल संसाधनों की सुजलाम सुफलाम योजना जल संरक्षण और उचित उपयोग की दिशा में एक और अभिनव कदम साबित हुई. इसके साथ ही उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, रोमिंग राशन कार्ड, रोमिंग स्कूल कार्ड आदि की शुरुआत कर नए आयाम बनाए.
गुजरात को दुनिया भर से कई सम्मान और पुरस्कार भी मिले हैं. इनमें आपदा प्रबंधन के लिए संयुक्त राष्ट्र सासाकावा पुरस्कार, लोक प्रशासन और प्रबंधन के लिए राष्ट्रमंडल संघ (CAPAM) रचनात्मक और सक्रिय प्रशासन के लिए पुरस्कार और ई-गवर्नेंस के लिए यूनेस्को पुरस्कार, सीएसआई शामिल हैं. उन्होंने गांधीनगर में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात समिट की भी शुरुआत की. गुजरात को विश्व पटल पर लाने की यह उनकी पहल थी. उनका उद्देश्य इस शिखर सम्मेलन के कारण दुनिया भर के निवेशकों का ध्यान गुजरात की ओर आकर्षित करना था. यही वजह है कि आज की सरकार अक्सर कहती है कि गुजरात देश का विकास इंजन है.
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