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उत्तराखंडः अंकिता हत्याकांड के आरोपी ने नार्को टेस्ट के लिए जताई असहमति, 3 जनवरी को होगी सुनवाई

उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों के नार्को टेस्ट मामले पर अब 3 जनवरी 2023 को सुनवाई होगी. आज एक आरोपी ने नार्को टेस्ट देने में असहमति जताई है. जबकि, अधिवक्ताओं का कहना है कि नार्को और पोलीग्राफी टेस्ट पर संदेह होने पर न्यायालय ने अग्रिम तारीख 3 जनवरी 2023 को मुकर्रर की है.

Ankita Bhandari Murder Case
उत्तराखंड के अंकिता हत्याकांड

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Published : Dec 22, 2022, 5:31 PM IST

आरोपियों के नार्को टेस्ट मामले पर अधिवक्ताओं के बयान.

देहरादूनःबहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के नार्को टेस्ट (Ankita Bhandari accused narco test) को लेकर एसआईटी के सामने फिर मुश्किलें खड़ी हो गई है. क्योंकि, एक बार फिर इस केस के तीसरे आरोपी ने नार्को टेस्ट देने में असहमति जताई है. इसकी जानकारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन दी है. ऐसे में अब मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जनवरी 2023 की तिथि मुकर्रर की गई है.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन (ADG Law and Order V Murugesan) की मानें तो कोर्ट की अनुमति के अनुसार ही मामले पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि एसआईटी अंकिता हत्याकांड में वीआईपी का रहस्य और अन्य कुछेक महत्वपूर्ण कड़ियों को जोड़ने के लिए आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में थी, लेकिन इससे पहले इस केस में तीसरे आरोपी ने अपनी सहमति के लिए कोर्ट में अपील लगाते हुए 10 दिन का समय मांगा था. उसी के तहत आज कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन आज फिर तीसरे आरोपी ने नार्को टेस्ट में असहमति जताते हुए कोर्ट से और समय की मांग की है. लिहाजा, अब मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2023 को होनी है.
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क्या बोले अधिवक्ता?कोटद्वार न्यायालय के सरकारी अधिवक्ता अमित सजवाण का कहना है कि अभियुक्तों को जेल में रहते हुए 90 दिन हो गए हैं. ऐसे में अभियोजन पक्ष ने नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के लिए प्रार्थना पक्ष दिया है. जिसमें वीआईपी, पुलकित आर्य के मोबाइल समेत अन्य जानकारी के लिए नार्को और पॉलीग्राफ करवाने की मांग की है, लेकिन उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया है कि किस आरोपी का नार्को तो किसका पॉलीग्राफ कराना है?

ऐसे में नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए न तो सहमति दे पा रहे हैं न ही असहमति. अधिवक्ता सजवाण का कहना है कि यदि जेल से अभियुक्तों ने सहमति या असहमति का प्रार्थना पत्र दिया है तो उसे विड्रो कर दिया जाए और उनकी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की जाए. उस सुनवाई के लिए कोर्ट ने 3 जनवरी की तिथि नियत की है.

वहीं, अधिवक्ता जितेंद्र रावत का कहना है कि प्रार्थना पत्र में जो आपत्ति दी जाएगी. मामले में 3 जनवरी को सुनवाई होगी. उसी दिन तय होगा कि अभियुक्तों का नार्को टेस्ट किया जाएगा या नहीं. जांच प्रभावित होने के सवाल पर उनका कहना है कि मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश किया जा चुका है. ऐसे में जांच प्रभावित होने का सवाल नहीं है.
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क्या था अंकिता भंडारी मर्डर केस: गौर हो कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
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आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.

वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर कांग्रेसियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जमकर हंगामा भी किया, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए डॉक्टरों के पैनल ने हाथों-हाथ रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 28 अगस्त से रिजॉर्ट में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही मालिक और उसके सहयोगी उसे प्रताड़ित कर रहे थे. वहीं, श्रीनगर में अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी बवाल भी हुआ था.

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