रांची :देश उत्सवी माहौल में डूबा हुआ है. इस पूरे सप्ताह एक के बाद एक त्योहार मनाए जाने हैं. मंगलवार यानी 2 नवंबर को धनतेरस मनाया जा रहा है तो अगले दिन यानी तीन नवंबर को नरक चतुर्दशी (narak chaturdashi 2021) मनाई जाएगी, जिसे कई जगह छोटी दीपावली भी कहा जाता है. फिर अगले दिन 4 नवंबर को दीपावली (Deepawali Puja 2021) मनाई जाएगी. फिर भैया दूज मनाई जाएगी. इसी महीने छठ पर्व भी है. एक के बाद एक त्योहारों के कारण ही सनातन धर्म (हिंदू धर्म) को मानने वालों के लिए यह कार्तिक महीना खास है. हर त्योहार किसी ने किसी धार्मिक परंपरा, आस्था और पूजा से जुड़ा हुआ है, जिसमें पूजा-अर्चना कर भक्त सबके कल्याण की कामना करते हैं.
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रांची के प्रसिद्ध पंडित जितेंद्र महाराज का कहना है कि दीपावली से एक दिन पहले 3 नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इस दिन सरसों और तिल का दिया जलाकर मृत्यु के देवता यम की पूजा करते हैं. वहीं भक्त शरीर में सरसों का तेल लगाकर स्नान करते हैं, ताकि यमराज प्रसन्न हों और अकाल मृत्यु न हो. पंडित जितेंद्र महाराज ने बताया कि 3 नवंबर 2021 दिन बुधवार को 9 बजकर 02 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी. इसके बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी. इस दिन प्रदोष काल में दीप दान करना शुभ माना जाता है.
क्यों कहते हैं रूप चतुर्दशी
पंडित जितेंद्र का कहना है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था उसी के उपलक्ष्य में नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. पंडित बताते हैं कि इस दिन व्यक्ति को शरीर पर तेल की मालिश करनी चाहिए. यह भी पूजा का विधान है. इससे लोगों का रूप सुंदर होता है. इसलिए इसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है.
ऐसे करें यम पूजा
पंडित जितेंद्र का कहना है कि इस दिन यम की पूजा की जाती है. विधि विधान के अनुसार दीपावली से एक दिन पूर्व पुराने दीपक में सरसों का तेल और पांच अन्न के दाने डालकर इसे घर के सामने जलाकर रखा जाता है. इसे यम दीपक भी कहते हैं. मान्यता के अनुसार यम की पूजा करने से लोगों की अकाल मृत्यु नहीं होती है.