मुंबई : शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस तीनों मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार चला रही हैं. भविष्य में कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की प्राय: बात करते रहने वाले पटोले ने कहा कि हमें (कांग्रेस) 2014 में धोखा दिया गया था. उसे ध्यान में रखते हुए हम अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं.
पटोले ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि उन्हें विपक्षी भाजपा को निशाना बनाने का दायित्व दिया गया था, शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा या शिवसेना को नहीं. पटोले का इशारा महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव में राकांपा के अकेले लड़ने के कदम की ओर था. कांग्रेस के एक तबके का मानना है कि राकांपा के निर्णय से भाजपा को लाभ हुआ जिसने 122 सीट जीती थीं और सरकार बनाने का दावा किया था.
बता दें कि राकांपा (ncp) ने तब सरकार बनाने के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन दिया था और कहा था कि वह ऐसा महाराष्ट्र के हित में और राज्य के विकास के लिए कर रही है. हालांकि, तब भाजपा ने शिवसेना के समर्थन से सरकार बना ली थी. भाजपा और शिवसेना (BJP and Shiv Sena) का गठबंधन 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद टूट गया था क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी मुख्यमंत्री का पद दिए जाने पर अड़ गई थी. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन धीरे-धीरे यह विधायकों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर खिसक गई.
पटोले ने कहा कि 2024 में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार (केंद्र में) आएगी. भाजपा ने समूचे राष्ट्र को बिक्री के लिए रख दिया है. लोग महामारी से पीड़ित हैं. महंगाई बढ़ने से उनकी स्थिति खराब होती जा रही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर केवल कांग्रेस ही भाजपा की जगह ले सकती है. पटोले ने हाल में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि एमवीए सरकार उनकी जासूसी करा रही है. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव की वजह से शिवसेना और राकांपा के पैरों तले की जमीन खिसक रही है.
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पटोले ने अपनी टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को कहा था कि मीडिया के माध्यम से गलत सूचना फैलाई जा रही है और एमवीए के घटक दलों के बीच कोई विवाद नहीं है तथा कांग्रेस को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है.
(पीटीआई-भाषा)